कुनबे की लड़ाई से प्रदेश के बुरे दिन आने की आंशका- मायावती
मायावती ने कहा कि इस पारिवारिक कलह का पहला शिकार वरिष्ठ अधिकारी बन रहे हैं और समस्त शासन-प्रशासन पर इसका भारी बुरा प्रभाव स्पष्ट तौर पर दिखने लगा है। उन्होने कहा कि वैसे तो एकदम लचर शासन-प्रशासन व व्याप्त जंगलराज एवं हर स्तर पर व्यापक भ्रष्टाचार के कारण प्रदेश में हर तरफ सबका हाल काफी ज्यादा बेहाल है, परन्तु सपा कुनबे की वर्षों से जारी आपसी खींचतान अब आमचुनाव से पहले खुली लड़ाई का रुप लेकर खुलेआम सड़क पर आ गयी ह। इससे प्रदेश में आने वाले दिनों में और भी ज़्यादा अव्यवस्था फैलने की आशंका काफी ज़्यादा बढ़ गयी है।
मायावती ने कहा कि वैसे तो केन्द्र की भाजपा सरकार को उत्तर प्रदेश में संवैधानिक व्यवस्था के पूरी तरह से चरमरा जाने के कारण यहाँ व्याप्त अव्यवस्था व जंगलराज से राज्य में राष्ट्रपति शासन की तैयारी पहले कर लेनी चाहिये थी। मायावती ने कहा कि भाजपा प्रदेश में अपनी पार्टी की नाजुक स्थिति के मद्देनज़र ऐसी हिम्मत नहीं जुटा पा रही है। भाजपा को लगता है कि उत्तर प्रदेश में जितना सम्भव हो सके विधानसभा का आम चुनाव टाला जाये और यही सपा भी चाहती है।
उन्होने कहा कि चुनाव आयोग को संविधान के प्रावधानों के अंर्तगत जनवरी-फरवरी में उत्तर प्रदेश में विधानसभा आम चुनाव कराने हेतु तिथियों की घोषणा उसी हिसाब से अगर यथाशीघ्र कर देता है तो राज्य को काफी बड़ी अशान्ति के अव्यवस्था के खतरे से बचाया जा सकता है।