बिहार चुनाव में सीमांचल में ही लड़ेगी एमआईएम
आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहाद उल मुस्लिमिन (एमआइएम) के अध्यक्ष और सांसद असद्दुद्दीन ओवैसी ने आज कहा कि उनकी पार्टी बिहार के सीमांचल क्षेत्र की सीटों पर ही आगामी बिहार विधान सभा चुनाव लड़ेगी। ओवैसी ने स्पष्ट करते हुए कहा कि उनकी पार्टी बिहार के सीमांचल क्षेत्र में पड़ने वाले अररिया, पुर्णिया, किशनगंज और कटिहार से अपने उम्मीदवार देगी। कितने सीटों पर उनकी पार्टी चुनाव लड़ेगी इस बात का खुलासा किए बिना ओवैसी ने कहा कि हमारा चुनावी अभियान बिहार के सीमांचल क्षेत्र तक ही सीमित है। हम हमारी जीत की संभावना के बारे में यथार्थवादी दृषटिकोण रखते हैं। हमें हमारी ताकत और कमजोरियों का पता है। हमारा सीमांचल से चुनाव लड़ना क्षेत्र के हक और न्याय के लिए है।
चुनाव पूर्व अन्य दलों के साथ किसी प्रकार के गठबंधन की संभावनाओं से इनकार करते हुए ओवैसी ने कहा कि पूरे बिहार के विकास के आंकड़े बहुत अच्छे नहीं हैं लेकिन सीमांचल में तो यह बदतर हैं। यही वजह है कि हम अनुच्छेद 371 के तहत रीजनल डेवलपमेंट काउंसिल का गठन चाहते हैं।
ओवैसी ने सीमांचल क्षेत्र के पिछड़ेपन के लिए कांग्रेस, नीतीश कुमार और अन्य दूसरी पार्टियों को जिम्मेदार ठहराया। किसी भी गठबंधन से अलग उनकी पार्टी के लड़ने पर होने वाले मतों के विभाजन के बारे में उनसे पूछे जाने पर एमआईएम नेता ने कहा कि जब जम्मू-कश्मीर में और राजस्थान के स्थानीय निकाय चुनाव में राजग की भारी मतों से जीत हुई थी तब तो वहां उनकी पार्टी चुनावी मैदान में नहीं थी। क्या हमने दिल्ली का चुनाव लड़ा था? क्या मैंने जम्मू कश्मिर का चुनाव लड़ा? क्या मैंने राजस्थान के निकाय चुनाव लड़े थे? यह एक गलत आरोप है जिसमें कोई सच्चाई नहीं है। अब तथाकथित सेकुलर पार्टियों ने अपनी विश्वस्नियता खो दी है।
वहीं महाराष्ट्र में दो सीटें जीतने वाली एमआइएम ने अख्तर इमाम को बिहार में पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किया है।