दरार है गहरी, इस दीपावली मुलायम का कुनबा बिखरा बिखरा रहा
एक ही दिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, राम गोपाल यादव और शिवपाल यादव सैफई में थे लेकिन कार्यक्रम कुछ ऐसा तय किया गया कि न तो अखिलेश शिवपाल से मिल पाए न ही शिवपाल रामगोपाल से न रामगोपाल यादव मुलायम सिंह यादव से।
आलम ये रहा कि इस दिवाली भाइयों ने तो मुलायम सिंह का आशीर्वाद तक नहीं लिया। रामगोपाल सैफई आए लेकिन मुलायम से मिलने लखनऊ नहीं आए, शिवपाल भी मुलायम से मिलने नहीं पहुंचे। अखिलेश यादव सैफई से लौटकर अपने परिवार समेत मुलायम से आशीर्वाद लेने जरूर गए।
मुलायम सिंह यादव ने भी कलह की गंभीरता को भांपकर सैफई से दूर रहना ही बेहतर समझा और दांत दर्द के इलाज के नाम पर खुद को लखनऊ में ही रखा। अखिलेश ने सैफई में चाचा रामगोपाल से मुलाकात की और पैर छूकर उनके आशीर्वाद लिए लेकिन शिवपाल चाचा के सैफई आने के पहले लखनऊ के लिए उड़ान भर ली। वहीं शिवपाल यादव ने भी अखिलेश के जाने के बाद ही सैफई का रुख किया और अपनी दिवाली गांव में मनाई।
बहरहाल मुलायम परिवार हर उत्सव गांव में एक साथ मनाता रहा है। पिछले 5 सालों में से तीन साल ये पूरा परिवार एक साथ रहा लेकिन अब सियासी कलह का असर इस परिवार पर दिखना शुरू हो चुका है, जिसका अंजाम क्या होगा फिलहाल ये कहना मुश्किल है।