अफगान-तालिबान विवाद पर बोले एनसीपी प्रमुख शरद पवार- पड़ोसी देशों के बारे में विदेश नीति की समीक्षा करने की जरूरत
तालिबान के सामने पस्त होने के बाद अफगानिस्तान में तेजी से बदल रहे घटनाक्रम पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी है। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर चले गए हैं और तालिबान ने काबुल पर नियंत्रण कर लिया है। इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एऩसीपी) प्रमुख एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने सोमवार को कहा कि सभी पड़ोसी देशों के बारे में भारत को अपनी विदेश नीति की समीक्षा करने की जरूरत है।
अफगान संकट पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि भारत की विदेश नीति ऐसी रही है, जहां पाकिस्तान और चीन को छोड़कर सभी पड़ोसी देशों के साथ हमारे अच्छे संबंध थे। नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका के साथ स्थिति बदल गई है। हमें सतर्क रहना चाहिए और दीर्घावधि के लिए एहतियात बरतनी चाहिए।
पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘दूसरे देशों को लेकर अपनी विदेश नीति में समीक्षा करने का समय आ गया है। स्थिति ठीक नहीं है। लेकिन यह संवेदनशील मामला है। हम सरकार के साथ सहयोग करेंगे क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है।’’
अफगानिस्तान में तालिबानी कब्जे के बाद से वहां स्थिति भयावह बनी हुई है और लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं। ऐसे में काबुल एयरपोर्ट पर भी भारी भीड़ जमा हो गई है, जिसके कारण वहां भगदड़ की स्थिति बन गई है। भीड़ को काबू करने के लिए अमेरिकी सैनिकों को बीच-बीच में हवाई फायरिंग करनी पड़ रही है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में कुछ लोगों को एक रनवे पर दौड़ते विमान के बाहरी हिस्से पर बैठे हुए देखा जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक, अफगानिस्तान में काबुल एयरपोर्ट पर की गई फायरिंग में पांच लोगों की मौत हो गई है। इस बीच भारत से सभी उड़ानें बंद होने के बाद भारतीय नागरिक भी असहाय नजर आ रहे हैं। अफगानिस्तान में बिगड़ते हालात के बीच वहां फंसे हिंदुओं और सिखों को वहां से निकालने को लेकर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि विदेश मंत्रालय और इसके लिए जिम्मेदार अन्य संस्थान इसकी व्यवस्था करेंगे।