NCP चीफ शऱद पवार बोले- विपक्षी दलों को एक साथ लाने में निभाएंगे भूमिका, करेंगे न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने शनिवार को कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष का न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार किया जाएगा। पवार ने पार्टी का पद छोड़ने का फैसला वापस लेने के एक दिन बाद पुणे जिले में अपने गृह नगर बारामती में कहा कि वह विपक्षी दलों को एक साथ लाने में भूमिका निभाएंगे।
शरद पवार ने संवाददाताओं से कहा, "अगले 10-11 महीनों में कई जगहों पर चुनाव होंगे...नीतीश कुमार, अरविंद केजरीवाल, चंद्रशेखर राव, ममता बनर्जी जैसे नेता विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं।" पवार ने कहा, "मैं न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाकर विपक्ष को साथ लाने में हिस्सा लूंगा।"
राकांपा के वरिष्ठ नेता और उनके भतीजे अजीत पवार की योजनाओं के बारे में अफवाहों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "अजित पवार को लेकर भ्रम का माहौल बनाया जा रहा है। ऐसी चर्चा थी कि वह भाजपा में शामिल होंगे, लेकिन क्या कुछ हुआ?" राकांपा प्रमुख ने आगे कहा कि अजीत पवार वह व्यक्ति हैं जो जमीन पर काम करना पसंद करते हैं और उनके बारे में अटकलों में कोई सच्चाई नहीं थी।
इससे पहले पवार के यहां पहुंचने पर कार्यकर्ताओं के नारेबाजी के बीच स्थानीय राकांपा पदाधिकारियों ने उनका स्वागत किया। पार्टी सूत्रों ने बताया कि सोलापुर जाने से पहले वह स्थानीय राकांपा नेताओं और कार्यकर्ताओं से मिलेंगे।
2024 के लोकसभा चुनावों से पहले विपक्षी एकता के प्रयासों पर सवालिया निशान लगाने वाली आश्चर्यजनक घोषणा के तीन दिन बाद शुक्रवार को 82 वर्षीय नेता ने राकांपा अध्यक्ष पद छोड़ने का अपना फैसला वापस ले लिया।
अपने कुशल राजनीतिक पैंतरेबाज़ी के लिए जाने जाने वाले दिग्गज नेता ने कहा कि देश भर के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने उनसे राकांपा अध्यक्ष बने रहने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि वह अपने सहयोगियों और पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं का अपमान नहीं कर सकते, जो इस बात पर जोर दे रहे थे कि वह अपना फैसला वापस लें।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी से मुक्त होने के लिए मैंने सोच-समझकर खुद को तैयार किया था। मेरे पास अभी भी संसद में 3 साल और हैं और मैं भविष्य में एक अच्छी टीम बनाने के विचार में था जो राज्य और देश स्तर पर एनसीपी की जिम्मेदारी ले सके। इसलिए मैंने एक तरफ कदम बढ़ाने और अगली पीढ़ी को मौका देने के बारे में सोचा। मुझे नहीं पता था कि मेरी पार्टी मेरे इस्तीफे पर इतनी कड़ी प्रतिक्रिया देगी।