बूढ़े मुलायम नहीं अखिलेश के साथ रहेगी राकांपा
राकांपा महासचिव तारिक अनवर ने कहा कि उत्तर प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री की अच्छी छवि से प्रस्तावित महागठबंधन को भाजपा को पराजित करने में काफी मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, अखिलेश यादव की छवि से महागठबंधन को काफी मदद मिलेगी। लोगों ने उन्हें पार्टी के चेहरे के रूप में स्वीकार कर लिया है।
अनवर ने कहा, अभी प्राथमिकता, भाजपा को हराने के लिए समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, जनता दल (यू) और राष्ट्रीय लोक दल का महागठबंधन बनाने की है।
उन्होंने कहा, राकांपा इसका हिस्सा बनेगी। अगर हम उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में साम्प्रदायिक ताकतों को रोकते हैं तो इसका पूरे देश में स्पष्ट संदेश जायेगा।
यह पूछे जाने पर कि समाजवादी पार्टी में पिता मुलायम सिंह यादव और पु़त्र अखिलेश यादव के बीच जारी घमासान में राकांपा किसका समर्थन करेगी, अनवर ने कहा, चूंकि 80 प्रतिशत विधायक अखिलेश के साथ हैं, तो उनकी ही असली समाजवादी पार्टी है। इसलिए हम उनके साथ जायेंगे।
उत्तर प्रदेश में 403 सदस्यीय विधानसभा में राकांपा का एकमात्र विधायक फतेह बहादुर हैं।
उन्होंने भाषा से कहा, हमें अपने ताकत की जानकारी है और हम इसके अनुरूप ही गठबंधन का हिस्सा बनना चाहेंगे। कई स्थानों पर हमारे उम्मीदवार दूसरे या तीसरे स्थान पर आए हैं। इसलिए हम 20 से 25 सीट चाहेंगे।
दिलचस्प बात यह है कि साल 2015 में राकांपा बिहार में महागठबंधन से अलग हो गई थी क्योंकि नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने राकांपा से विचार विमर्श किये बिना ही महागठबंधन के घटकों के साथ सीटों के बंटवारे की घोषणा कर दी थी।
गोवा में कांगेस और राकांपा के बीच गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर अनवर ने कहा कि तटीय राज्य में किसी सहमति तक नहीं पहुंचा गया है, जहां 4 फरवरी को चुनाव होने हैं। उन्होंने कांग्रेस और राकांपा के बीच महाराष्ट्र में आगामी नगर निकाय चुनाव के लिए गठबंधन की संभावना के भी संकेत दिये।
एजेंसी