Advertisement
15 October 2015

पुरस्‍कार लौटाने वाले साहित्यकारों के पक्ष में आए नीतीश

गुगल

बिहार के चुनावी समर में नीतीश कुमार ने एक और दांव चला है। उन्होंने साहित्य अकादमी से इस्तीफा देने वाले साहित्यकारों का पक्ष लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीखी आलोचना की। खबर है कि नीतीश कुमार साहित्यकारों के इस विरोध को चुनावी मुद्दा बनाने जा रहे है।

नीतीश कुमार ने अपने ट्वीट में कहा, देश में बढ़ती असिहुष्णता के खिलाफ हमारे 25 सांस्कृतिक आदर्शों ने पुरस्कार वापस किए, उनके डर और चिंताओं को दूर करने के बजाय मोदी सरकार इन्हीं लोगों में खामियां निकाल रहे हैं। नीतीश कुमार ने अपने ट्वीट में सिविल सोसोयटी द्वारा सूचना के अधिकार पर हो रहे सम्मेलन के बहिष्कार किया जा रहा, लेकिन इसे लेकर मोदी सरकार जरा भी गंभीर नहीं है। नीतीश कुमार ने कहा कि शासक वर्ग की यह असंवेदनशीलता चिंताजनक है। साथ ही यह भी कहा कि देश के बुनियादी मूल्यों और सिद्धांतों की अवहेलना चिंताजनक है।

नीतीश कुमार ने अपने ट्वीट के जरिए देश के बुद्धिजीवी तबके को यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह बहुलतावादी संस्कृति के हिमायती है। देश भर से 30 के करीब साहित्यकारों ने जिस तरह से सीधे-सीधे केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के शासन में देश में फैल रही हिंसा, नफरत और फासीवादी प्रवृत्तियों के खिलाफ अपने पुरस्कार लौटाएं हैं, उसके पक्ष में उतरने वाले नीतीश पहले राजनेता हो गए हैं। साहित्यकारों का पुरस्कार लौटाना बिहार में चुनावी मुद्दा बनेगा या नहीं, ये तो समय बताएगा। 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: नीतीश कुमार, साहित्यकार, संस्कृति, ट्वीट, साहित्य अकादमी, प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी, modi, anger
OUTLOOK 15 October, 2015
Advertisement