नीतीश ने किया संघ मुक्त भारत का आह्वान
पटना में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि संघ मुक्त भारत बनाने के लिए सभी गैर भाजपा दल को एक होना होगा। नीतीश ने कहा कि भाजपा और उसकी बांटने वाली विचारधारा के खिलाफ एकजुटता ही लोकतंत्र को बचाने का एक मात्र रास्ता है। वह न तो किसी व्यक्ति विशेष और न ही किसी दल के खिलाफ हैं, पर आरएसएस की बांटने वाली विचारधारा के खिलाफ हैं। नीतीश इन दिनों 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए बिहार के तर्ज पर ही राष्ट्रीय स्तर पर गैर भाजपायी दलों को एकजुट करने के प्रयास में लगे हुए हैं। नीतीश ने कहा कि भाजपा के तीन कद्दावर नेताओं अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को पार्टी के भीतर दरकिनार कर दिया गया है और अब यह दल और सत्ता ऐसे व्यक्ति के हाथ में चली गई है जिनका धर्मनिरपेक्षता और सांप्रदायिक सौहार्द में कोई विश्वास नहीं है।
नीतीश ने आज के कार्यक्रम में कहा कि हम लोगों का इसके लिए निरंतर प्रयास जारी है और अन्य लोगों के मन में भी यह बात है कि कोई न कोई एक व्यापक एकता होनी चाहिए ताकि लोगों को दिखे कि यह शक्ति भाजपा को बुरी तरह पराजित कर सकती है। शरद याजव की जगह पर 10 अप्रैल को जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद नीतीश ने कहा था कि भाजपा विरोधी दलों, कांग्रेस, वामदल और अन्य क्षेत्रीय दलों की 2019 के पूर्व की व्यापक एकता के लिए उनका प्रयास जारी रहेगा। उन्होंने कहा था कि गैर भाजपायी दलों की एकजुटता का मतलब विचारधारा और सुशासन का न्यूनतम साझा कार्यक्रम होगा। नीतीश ने यह भी कहा था कि इस मोर्चे में कोई भी प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं होंगे जनता इस बारे में तय करेगी कि कौन इसके लायक हैं।