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19 June 2018

किसी नए गठबंधन से महबूबा मुफ्ती का इंकार, राज्यपाल को सौंपा इस्तीफा

जम्मू कश्मीर की पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार से भाजपा के समर्थन वापस लेने के बाद राज्य में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। महबूबा मुफ्ती ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया है। इस्तीफा सौंपने के बाद पत्रकार वार्ता में महबूबा मुफ्ती ने किसी नए गठबंधन की संभावनाओं से इंकार किया है। उनका कहना है कि वे किसी नए गठबंधन की संभावनाएं नहीं तलाश रही हैं। यह बात उन्होंने राज्यपाल के सामने भी स्पष्ट कर दी है। गौरतलब है कि भाजपा ने पीडीपी सरकार पर राज्य की स्थिति न संभाल पाने और बढ़ती कट्टटरता और आंतकवाद को कारण बताते हुए समर्थन वापस लेने का फैसला किया है।   

मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते हुए महबूबा मुफ्ती ने जम्मू कश्मीर के मौजूदा हालात पर भी एक अहम टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर कोई दुश्मन का इलाका नहीं है। यहां सख्ती बरतने की नीति नहीं अपनाई जा सकती। यह टिप्पणी राम माधव के उन आरोपों के बाद आई है जिसमें उन्होंने कश्मीर में शांति कायम न होने और आतंकवाद पर अंकुश नहीं लगने को समर्थन वापस लेने की वजह बताया था।

सत्ता के लिए नहीं था गठबंधन 

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भाजपा के समर्थन वापसी के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हमने यह समझौता सत्ता के लिए नहीं किया था। भाजपा के इस फैसले से वह हैरान नहीं हैं। इस गठबंधन के बड़े मकसद थे जैसे एकतरफा सीजफायर, प्रधानमंत्री की पाकिस्तान यात्रा, 11 हजार नौजवानों के खिलाफ मामले वापस लेना। 

जम्मू कश्मीर के दो इलाकों के साथ उपेक्षा के सवाल पर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि उन्होंने जम्मू, कश्मीर और लद्दाख को एकजुट रखने का पूरा प्रयास किया। भाजपा के साथ उनका गठबंधन आपसी भरोसा कायम करने और बातचीत की बुनियाद पर टिका था। राज्य के हालत सुधारने के लिए कई कदम उठाए।

नए गठबंधन की संभावना से इंकार  

गौरतलब है कि पीडीपी से नाता तोड़ने के बाद कांग्रेस या नेशनल कांफ्रेंस की मदद से पीडीपी की सरकार बनने को लेकर सियासी अटकलें लगाई जा रही थीं। महबूबा मुफ्ती के ऐसे किसी गठबंधन की संभावनाओं को खारिज करने से पहले नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी साफ कर दिया कि उनकी पार्टी किसी को समर्थन नहीं देगी। कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद भी कह चुके हैं कि पीडीपी को समर्थन देना का सवाल ही नहीं उठता।

इस तरह जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगना लगभग तय माना जा रहा है। भाजपा ने भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। 

 

 

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OUTLOOK 19 June, 2018
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