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06 December 2019

एनआरसी और सिटीजन बिल एक ही सिक्के के दो पहलू: ममता बनर्जी

ANI

लोकसभा में पेश होने से पहले सिटीजन बिल का विरोध जारी है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अन्य राजनीतिक दलों से सिटीजन बिल का समर्थन नहीं करने का आग्रह किया है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी)  और सिटीजन संशोधन बिल (सीएबी) एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। हम बंगाल में सिटीजन बिल लागू नहीं होने देंगे और उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस अंत तक इसका विरोध करेगी।

पार्टी के एक कार्यक्रम में बोलते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि आर्थिक मंदी से लोगों का ध्यान हटाने के लिए केंद्र द्वारा एनआरसी और सिटीजन बिल लाया जा रहा है। उन्होंने कहा, "यदि आप सभी समुदायों को नागरिकता देते हैं, तो हम इसे स्वीकार करेंगे, लेकिन अगर आप धर्म के आधार पर भेदभाव करते हैं, तो हम इसका विरोध करेंगे और इसके खिलाफ लड़ाई भी लड़ेंगे।"

विरोध में विपक्ष हुआ एकजुट

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सोमवार 9 दिसंबर को लोकसभा में सिटीजन बिल पेश किया जाएगा जिसके विरोध में विपक्ष एकजुट हो गया है। कांग्रेस, टीएमसी समेत कई विपक्षी पार्टियां संसद और सड़क पर इसका विरोध कर रही हैं। गुरुवार को नागरिकता बिल के मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों ने बैठक की और आगे की रणनीति पर चर्चा की। टीएमसी ने ट्राइबल-विरोधी तो बसपा ने इसे असंवैधानिक करार दिया है। बुधवार को कैबिनेट से इसे मंजूरी मिल चुकी है।

हो चुके हैं विरोध प्रदर्शन

मोदी सरकार ने पिछले कार्यकाल (जनवरी में) में इसे लोकसभा में पास करा लिया था। लेकिन विपक्षी दलों के विरोध के कारण राज्यसभा में बिल अटक गया था। विपक्षी दल धार्मिक आधार पर भेदभाव के रूप में बिल की आलोचना कर चुके हैं। बिल को लेकर असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों ने आपत्ति जताई थी और कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए थे।

क्या है सिटीजन संशोधन बिल

 

भारत का नागरिक कौन है, इसकी परिभाषा के लिए साल 1955 में एक कानून बनाया गया जिसे 'सिटीजन एक्ट 1955' नाम दिया गया। मोदी सरकार ने इसी कानून में संशोधन किया है जिसे 'सिटीजन संशोधन बिल 2019' नाम दिया गया है।

 

सिटीजन बिल में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, ईसाई, पारसी, जैन और बौद्ध यानी कुल 6 समुदायों के लोगों को नागरिकता दी जाएगी। इसमें मुसलमानों का जिक्र नहीं है। नागरिकता के लिए पिछले 11 सालों से भारत में रहना अनिवार्य है, लेकिन इन 6 समुदाय के लोगों को 5 साल रहने पर ही नागरिकता मिल जाएगी। इसके अलावा इन तीन देशों के 6 समुदायों के जो लोग 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत आए हों, उन्हें अवैध प्रवासी नहीं माना जाएगा।

 

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TAGS: NRC, CAB, two, sides, same, coin, Mamata Banerjee
OUTLOOK 06 December, 2019
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