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02 September 2019

सुशील कुमार मोदी बोले- 'सावन-भादो' में आती है मंदी, विपक्ष मचा रहा बेवजह शोर

File Photo

बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने रविवार को आर्थिक मंदी को लेकर एक अजीबोगरीब बयान दिया है। उनका कहना है कि कुछ विपक्षी पार्टी इसे लेकर बेवजह का शोर मचाकर देश में घबराहट की स्थिति पैदा करने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने दावा किया कि यह सावन-भादो में आने वाला एक साइक्लिक स्लोडाउन (चक्रीय मंदी) है। इसे लेकर उन्होंने ट्वीट भी किया।

कुमार ने ट्वीट में लिखा, 'केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए 32 सूत्री राहत पैकेज की घोषणा और 10 छोटे बैंकों के विलय की पहल से लेंडिंग कैपिसिटी बढ़ाने जैसे जो चौतरफा उपाय किए हैं, उनका असर अगली तिमाही में महसूस किया जाएगा। वैसे तो हर साल सावन-भादो में मंदी रहती है, लेकिन इस बार मंदी का ज्यादा शोर मचाकर कुछ लोग चुनावी पराजय की खीज उतार रहे हैं। बिहार में मंदी का खास असर नहीं है इसलिए वाहनों की बिक्री नहीं घटी। केंद्र सरकार जल्द ही तीसरा पैकेज घोषित करने वाली है।'

मंदी के चलते देश की विकास दर में गिरावट

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बता दें कि मंदी के चलते देश की विकास दर में गिरावट आई है। इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी 5.8 फीसदी से घटकर पांच फीसदी रह गई है। वित्त मंत्रालय के केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने शुक्रवार को इन आंकड़ों को जारी किया। पिछले साल यह इसी दौरान आठ फीसदी के पार थी। वहीं पिछले वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में यह 5.8 फीसदी थी।

मंदी के लिए मोदी सरकार जिम्मेदार

बहुत सी विपक्षी पार्टियां जिसमें कांग्रेस भी शामिल है उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मंदी के लिए जिम्मेदार ठहराया है। रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कहा कि भारत इस रास्ते पर लगातार चलने का जोखिम नहीं उठा सकता। वहीं, प्रियंका गांधी ने सवालिये लहजे में पूछा कि 'क्या सरकार यह मानती है कि आर्थिक मंदी है या नहीं?

क्या सरकार स्वीकार करती है कि मंदी है या नहीं: प्रियंका गांधी

वित्त मंत्री पर निशाना साधते हुए प्रियंका गांधी ने एक ट्वीट किया, ‘क्या सरकार स्वीकार करती है कि मंदी है या नहीं? वित्त मंत्री को हमारी अर्थव्यवस्था के बारे में राजनीति से ऊपर उठने और भारत के लोगों से सच बोलने की जरूरत है.’ कांग्रेस महासचिव ने पूछा, ‘‘वे इस बात को स्वीकार करने के लिए भी तैयार नहीं है तो कैसे वे इस बड़ी समस्या को हल करेंगे जो उन्होंने खुद पैदा की है।’’

चिंताजनक है अर्थव्यवस्था की हालत: मनमोहन सिंह

अर्थव्यवस्था की हालत को बहुत चिंताजनक बताते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रविवार को सरकार से अनुरोध किया कि वह बदले की राजनीति को छोड़े और अर्थव्यवस्था को मानव-रचित संकट से बाहर निकलने के लिए सही सोच-समझ वाले लोगों से संपर्क करे। उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी में जल्दबाजी को मानव रचित संकट बताया है।

कांग्रेस नेता का कहना है कि यह आर्थिक नरमी मोदी सरकार के चौतरफा कुप्रबंधन की वजह से है। उन्होंने एक बयान में कहा, 'वर्तमान में अर्थव्यवस्था की हालत बहुत चिंताजनक है। पिछली तिमाही में जीडीपी की वृद्धि मात्र पांच प्रतिशत तक सीमित रहना नरमी के लम्बे समय तक बने रहने का संकेत है। भारत में तेजी से वृद्धि की संभावनाएं हैं लेकिन मोदी सरकार के चौतरफा कुप्रबंधन के कारण यह नरमी आई है।'

मनमोहन के बयान पर टिप्पणी करने से निर्माला का इनकार

चेन्नई में रविवार को एक कार्यक्रम में पत्रकारों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से पूछा कि मनमोहन सिंह के आरोपों पर उनका क्या कहना है। जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि कि उन्होंने जो कहा, 'उस पर मेरा कोई विचार नहीं है। उन्होंने जो कहा है मैंने भी उसे सुना है। क्या डॉ. मनमोहन सिंह कह रहे हैं कि राजनीतिक प्रतिशोध में शामिल होने के बजाय उन्हें चुप्पी साधे लोगों से सलाह लेनी चाहिए? क्या उन्होंने ऐसा कहा है? ठीक है, धन्यवाद, मैं इस पर उनकी बात सुनूंगी। यही मेरा जवाब है।'

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TAGS: Opposition, creating unnecessary noise, over cyclic slowdown, in economy, during 'saawan bhado', Sushil Modi
OUTLOOK 02 September, 2019
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