राजद सांसद पप्पू यादव को पार्टी ने किया निष्कासित
दरअसल पप्पू राजद प्रमुख लालू यादव के कई फैसलों से नाराज चल रहे थे और समय-समय वह पार्टी के कामकाज को लेकर सवाल उठाते रहे हैं। यहां तक कि राजद में उत्तराधिकार को लेकर भी पप्पू ने सवाल उठाया था। पप्पू का कहना था कि लालू यादव का असली उत्तराधिकारी वह हैं जबकि लालू ने पप्पू के इस बयान की कटु आलोचना की थी।
लालू ने कहा था कि पप्पू कोई उनका बेटा नहीं है कि उसे वह अपना उत्तराधिकारी बनाए। पप्पू मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को समर्थन दिए जाने के फैसले से भी नाराज थे। पप्पू का कहना है कि एक दलित समाज के व्यक्ति को मुख्यमंत्री पद से हटाने वाले व्यक्ति का समर्थन नहीं करना चाहिए। पप्पू कहते हैं कि राजद सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने वालों की पार्टी थी लेकिन नीतीश कुमार को समर्थन देने के बाद एक बात साफ हो गई कि इस पार्टी में दलित, पिछड़ाें, अल्पसंख्यकों के लिए कोई जगह नहीं है।
नई पार्टी बनाए जाने की संभावनाओं के बारे में पप्पू का कहना है कि अभी उन्होने कोई फैसला नहीं किया है कि क्या करना है। लेकिन उन्होने इशारा जरूर किया कि अब नए बैनर से ही वह चुनाव लड़ेंगे। इससे एक बात साफ हो गई कि बिहार की सियासत में एक नए राजनीतिक दल का उदय होगा और विधानसभा चुनाव में मुकाबला दिलचस्प होगा।
वहीं राजद ने पप्पू यादव को पार्टी से निकाले जाने के फैसले का सही ठहराया है। राजद प्रवक्ता जय प्रकाश नारायण यादव कहते हैं कि पप्पू यादव निर्दलीय चुनाव लड़ कर देख लें उन्हें पता चल जाएगा कि वह कितने पानी में हैं। उन्होंने कहा कि राजद में अनुशासन कायम रखने के लिए पप्पू यादव को पार्टी से निकाला गया है।