दस्तावेजों के विपरीत पिज्जा नहीं किया जा सकता डाउनलोडः उपराज्यपाल
उपराज्यपाल अनिल बैजल का कहना है कि डोर स्टेर सर्विसेस से जुड़ी फाइल पुनर्विचार के लिए वापस की गई है लेकिन इसका बारे में गलत धारणा फैलाई जा रही है। मौजूदा प्रस्ताव और ई-कामर्स के बीच एक समानांतर गलत धारणा बनाई जा रही है जबकि पिज्जा और अन्य अनेक ई-कामर्स उत्पादों को डाउनलोड करने की तकनीक अभी नहीं है।
दिल्ली सरकार डोर स्टेप डिलीवरी प्रस्ताव को लेकर उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार आमने सामने है। उपराज्यपाल के आनलाइन के सुझाव सरकार ने कहा था कि पिज्जा को डाउनलोड के जरिए मंगाने की कही गई थी इसके जबाव में उपराज्यपाल ने कहा कि एक गलत धारणा के आधार पर यह फैलाया जा रहा है कि डोर स्टेप सर्विसेस की फाइल में उनके यहां देरी हुई है जबकि यह फाइल उनके दफ्तर को 18 दिसंबर को मिली और 26 दिसंबर को वापस कर दी गई। कहा जा रहा है कि सरकार के प्रस्ताव में बहुत सी प्रस्तावित सेवाएं पहले से ही आनलाईन दी जा रही हैं। इसके अलावा पिज्जा और अन्य ई-कामर्स उत्पाद की डिलिवरी को मोबाइल सहायकों के माध्यम से वितरित किए जाने वाले दस्तावेजों के साथ तुलना नहीं की जा सकती क्योंकि इसमें व्यक्तिगत संवेदनशील जानकारी शामिल होगी। ई-कामर्स के विपरीत जो व्यापार से उपभोक्ता का लेनेदेन है सरकार को इसके लिए अधिक संवेदनशील और उत्तरदायी होना चाहिए और सरकार से उपभोक्ता लेन देन के संबंध में सुरक्षा संबंधी चिंता भी होनी चाहिए। केवल अंत से अंत तक डिजिटलीकरण करने की सलाह दी गई यानी सेवाओं का आनलाईन आवेदन और उनका आनलाईन प्राप्तिकरण। यह मानवीय हस्तक्षेप को खत्म करेगा और यह भ्रष्टाचार के विरूद्ध सबसे प्रभावी उपकरण भी होगा।