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18 February 2020

प्रशांत किशोर का नीतीश पर तंज, कहा- गांधी और गोडसे एक साथ नहीं चल सकते

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जदयू से निकाले जाने के बाद पहली बार पटना पहुंचे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) ने कहा है कि नीतीश कुमार से उनके मतभेद विचारधारा के चलते हैं। मंगलवार को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि हम वो नेता चाहते हैं जो सशक्त हो, जो बिहार के लिए अपनी बात कहने में किसी का पिछलग्गू ना बने। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार गोडसे को मानने वालों के साथ हैं। गांधी और गोडसे एक साथ नहीं चल सकते। 

पीके ने कहा कि नीतीश कुमार के पार्टी से निकालने वाले फैसले पर मुझे कोई आपत्ति नहीं है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मुझे आज के नीतीश कुमार पंसद नहीं है। 2014 वाले नीतीश कुमार मुझे पसंद थे। 

 

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2005 में जो बिहार की स्थिति थी, आज भी वही स्थिति है

 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुशासन बाबू वाली छवि पर बोलते हुए किशोर ने कहा कि बीजेपी के साथ नीतीश कुमार के रहने से बिहार का विकास हुआ। 15 साल में बिहार में खूब विकास हुआ है, लेकिन विकास की गति धीमी है। 2005 में जो बिहार की स्थिति थी, आज भी वही स्थिति है। कैपिटल इनकम में बिहार 2005 में भी 22वें नंबर पर था, आज भी उसी नंबर पर है।

'बात बिहार की' नामक कार्यक्रम

अपनी चुनावी रणनीति पर बोलते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि 20 फरवरी से 'बात बिहार की' नामक एक कार्यक्रम चलाया जाएगा।  उन्होंने कहा, इस कार्यक्रम के माध्यम से हमारी कोशिश होगी कि बिहार देश के टॉप 10 राज्यों में शामिल हो जाए। 

नीतीश ने उन्हें बेटे की तरह रखा है और वे भी उन्हें पिता तुल्य मानते हैं- पीके

पीके ने कहा कि नीतीश ने उन्हें बेटे की तरह रखा है और वे भी उन्हें पिता तुल्य मानते हैं। इसलिए, पार्टी से निकालने समेत नीतीश के सारे फैसले उन्हें मंजूर हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में जद (यू) से निष्कासन पर राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश जी के साथ मेरे अच्छे संबंध हैं। मेरे मन में उनके लिए अपार सम्मान है। मैं उनके फैसले पर सवाल नहीं उठाऊंगा। बता दें कि 30 जनवरी को नीतीश कुमार की पार्टी जदयू से निकाले जाने के बाद वे पहली बार पटना आए हैं।

अपनी राजनीतिक सक्रियता बढ़ाने जा रहे हैं- प्रशांत किशोर

इससे पहले प्रशांत किशोर ने सोमवार को कहा था कि वह अपनी राजनीतिक सक्रियता बढ़ाने जा रहे हैं। इससे पहले प्रशांत किशोर 11 फरवरी को ही पटना में राजनीति के अगले पड़ाव पर ऐलान करने वाले थे लेकिन उस दिन दिल्ली चुनाव के नतीजों के चलते उन्होंने नई घोषणा टाल दी और दिल्ली आ गए थे। पीके ने संकेत दिए थे कि फिलहाल उनकी निगाह न तो राज्यसभा पर है और न ही लोकसभा पर थी।

पार्टी लाइन से अलग बयानबाजी के चलते जेडीयू से बाहर हुए थे पीके

प्रशांत किशोर ने दिल्ली चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी का इलेक्शन कैंपेन संभाला था और रणनीतियां बनाई थीं। ऐसे में यह अटकलें भी लगाई जा रही हैं कि प्रशांत किशोर बिहार में आम आदमी पार्टी का चेहरा भी हो सकते हैं लेकिन उन्होंने इससे इनकार किया है।

बता दें कि पार्टी लाइन से अलग बयानबाजी के चलते प्रशांत किशोर को जेडीयू से बाहर कर दिया गया था। जानकारी के मुताबिक, प्रशांत बिहार विधानसभा चुनाव से जुड़ा कुछ ऐलान कर सकते हैं और उनका निशाना जेडीयू और बीजेपी ही होंगे।

पश्चिम बंगाल में पीके को मिलेगी जेड प्लस सुरक्षा

उधर, प्रशांत किशोर अगले साल पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का कैंपेन देखेंगे। यहां प्रशांत किशोर को जेड कैटिगरी की सुरक्षा मिलेगी। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री और टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने इसको लेकर फैसला किया है। राज्य सचिवालय के सूत्रों ने प्रशांत किशोर को जेड सिक्योरिटी कवर दिए जाने की पुष्टि की है।  

बिहार के रोहतास के रहने वाले हैं प्रशांत

प्रशांत किशोर का गांव रोहतास के कोनार में है लेकिन उनके पिता श्रीकांत पांडेय बक्सर में बस गए जहां से पीके ने स्कूल की पढ़ाई पूरी की। पीके ब्राह्मण जाति से हैं। इस बिना पर जदयू  के भीतर भी खलबली मची थी जब उन्हें नीतीश का उत्तराधिकारी बताया जाने लगा। दरअसल लालू, नीतीश, पासवान सामाजिक न्याय वाली धारा से उभरे हुए नेता हैं। इस उभार ने बिहार की शीर्ष सत्ता से सवर्णों को दूर कर दिया।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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TAGS: Political strategist, Prashant Kishor, expulsion, from JD(U), Hum woh neta chahte hain, jo sashakt ho, pichhlaggu nahi
OUTLOOK 18 February, 2020
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