लोग होना चाहते हैं 'भाजपा मुक्त', हवा में उड़ने वाले हुए धराशायीः शिवसेना
शिवसेना ने विधानसभा चुनाव नतीजों को लेकर एक बार फिर भाजपा पर निशाना साधा है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जहां तीन राज्यों में जीत दर्ज की, वहीं भाजपा को कहीं भी कामयाबी नहीं मिली। शिवसेना ने कहा है कि तीन हिंदी भाषी राज्यों में भाजपा को करारी शिकस्त मिली है जो यह दर्शाता है कि लोग ‘भाजपा मुक्त’ होना चाहते हैं। लोगों ने हवा उड़ने वालों को फिर से जमीन पर ला दिया।
भाजपा की हार पर शिवसेना ने अपने मुख पत्र 'सामना' के जरिए कहा है कि राम मंदिर का वचन भी उन्होंने नहीं निभाया। जो उर्जित पटेल नोटबंदी का समर्थन कर रहे थे, उन्होंने भी परेशान होकर रिजर्व बैंक के गवर्नर पद को छोड़ दिया है। देश चार-पांच व्यापारियों के दिमाग से चलाया जा रहा है और उससे रिजर्व बैंक जैसी संस्था टूट रही है। दुनिया में इतनी आर्थिक अराजकता कभी नहीं मची होगी।
पत्र में कहा गया है कि चुनाव नतीजों से, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने ‘कांग्रेसमुक्त भारत’ का जो सपना देखा था, वह भाजपा शासित राज्यों में ही धूल में मिल गया है। इन राज्यों की जनता ने ही ‘भाजपा मुक्त’ का संदेश दिया है। इसमें कहा गया है कि सरकार सिर्फ चुनाव लड़कर जीतने के लिए होती है, इस देश में भाजपा के अलावा और कोई दल न टिके और न बचे और भाजपा के आश्रित के रूप में रहे, इस प्रवृत्ति की हार राज्यों में हुई है।
टूट गया भाजपा का भ्रम
पत्र में लिखा है, 'मोदी का उदय भाजपा का विजय रथ जिन राज्यों से शुरू हुआ था उन्हीं राज्यों में इस रथ के पहिये टूट गए। मोदी के बचकाने बयान, नोटबंदी, अर्थव्यवस्था, रोजगार, महंगाई, राम मंदिर बनाने का वादा पूरा न करने भी बाद भी भाजपा को भ्रम था कि वह चुनाव जीत जाएंगे, जो टूट गया।'
राम मंदिर के अलावा नहीं है कोई मुद्दा
वहीं, कांग्रेस की जीत पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) प्रमुख राज ठाकरे ने कांग्रेस की जीत के लेकर ट्वीट कर कहा कि भाजपा राहुल गांधी को पप्पू कहकर बुलाती थी लेकिन अब वो 'परम पूज्य' हो गए हैं। उन्होंने कहा कि जनता का ये फैसला अत्याचारी सरकार के मुंह पर तमाचा है। जनता इतने झूठ सुन सुनकर परेशान हो गई थी। उन्होंने कहा कि यह सरकार हमेशा राम मंदिर के मुद्दे को भुनाती रहती है क्योंकि इनके पास कहने को और कुछ नहीं है।