पंजाब: उम्मीदवार बनने के बाद अपनी सीटों पर फंसकर रह गए तीन पार्टियों के प्रधान
लोकसभा चुनाव में पंजाब की सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ रही 3 पार्टियों के प्रधान उम्मीदवार बनने के बाद अपनी सीटों पर फंसकर रह गए हैं।
इनमें पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ का नाम मुख्य रूप से शामिल है जो गुरदासपुर से एम.पी. हैं और एक बार फिर वहीं से चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि उनके पास पूरे पंजाब में कांग्रेस के उम्मीदवारों के हक में प्रचार करने की जिम्मेदारी भी है, लेकिन भाजपा द्वारा सन्नी देयोल को उम्मीदवार बनाने के बाद मुकाबला कड़ा हो गया है। इस वजह से जाखड़ अब तक एक बार भी गुरदासपुर से बाहर नहीं निकल पाए हैं।
यही हाल आम आदमी पार्टी के पंजाब प्रधान भगवंत मान का है, जो संगरूर से एम.पी. हैं । वह भी एक बार फिर वहीं से चुनाव लड़ रहे हैं। वह शुरूआती दिनों में तो साथ लगती कुछ सीटों पर चुनाव लड़ रहे ‘आप’ के उम्मीदवारों के हक में प्रचार करने के लिए गए थे। मगर अब तिकोनी टक्कर होने के बाद मान के लिए संगरूर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। इसके मद्देनजर अरविन्द केजरीवाल व मनीष सिसौदिया को बाकी सीटों पर चुनाव प्रचार के लिए आना पड़ा है। इसी तरह आम आदमी पार्टी से अलग होकर पंजाब एकता पार्टी बनाने वाले सुखपाल खैहरा भी बठिंडा से चुनाव लड़ रहे हैं, जिन्होंने बसपा, वाम दलों, बैंस व धर्मवीर गांधी के साथ मिलकर पंजाब डैमोक्रेटिक अलाइंस बनाया है, लेकिन नवांशहर में हुई मायावती की रैली में शामिल होने के सिवाय खैहरा कहीं भी अपने ग्रुप के उम्मीदवारों के हक में प्रचार करते हुए नजर नहीं आए हैं।
चुनिंदा सीटों पर है सुखबीर व श्वेत मलिक का फोकस:
बाकी पार्टियों के प्रधानों की तरह सुखबीर सिंह बादल भी अकाली दल की तरफ से फिरोजपुर में चुनाव लड़ रहे हैं, जो शुरूआती दौर में तो कुछ बाहरी सीटों पर प्रचार करने के लिए गए लेकिन पिछले कुछ दिनों से उनका फोकस फिरोजपुर व बठिंडा में ही देखने को मिल रहा है। इसके अलावा भाजपा के अध्यक्ष श्वेत मलिक भी अमृतसर, गुरदासपुर की सीटों पर ही नजर आ रहे हैं।