राजस्थान संकट: बसपा ने जारी किया व्हिप, गहलोत सरकार के खिलाफ वोट करें विधायक
राजस्थान के सियासी संकट में रोज एक एक नया मोड़ आता जा रहा है। रविवार को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अपने छह विधायकों के लिए व्हिप जारी करते हुए कहा कि अगर मतदान की सूरत बनती है तो वे कांग्रेस सरकार के खिलाफ वोट करें। यानी अशोक गहलोत सरकार को मायावती का साथ नहीं मिलेगी। बीएसपी टिकट पर जो छह विधायक चुने गए थे, वो हैं- आर. गुढ़ा, लखन सिंह, दीप चंद, जेएस अवाना, संदीप कुमार और वाजिब अली। बता दें कि पिछले साल अगस्त में इन विधायकों ने कांग्रेस के साथ विलय कर लिया था।
बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने व्हिप जारी करते हुए पार्टी के सभी 6 विधायकों को निर्देश दिया है कि अगर गहलोत सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आता है, तो वो कांग्रेस के खिलाफ अपना वोट दें।
सभी 6 विधायकों को नोटिस जारी कर कही ये बात
बीएसपी महासचिव ने सभी 6 विधायकों को नोटिस जारी कर ये भी बताया है कि चूंकि बीएसपी एक राष्ट्रीय पार्टी है और दसवीं अनुसूची के पैरा 2 (1)(B) के तहत किसी राज्य में पूरी पार्टी का विलय असंवैधानिक है। पार्टी का कांग्रेस में विलय नहीं हुआ है। साथ ही उन्होंने सभी विधायकों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर किसी ने निर्देश की अवहेलना की, तो उस पर दल बदल कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।
सतीश चंद्र मिश्रा ने आगे कहा कि यह सभी विधायक बसपा के टिकट पर चुनाव जीत कर आए हैं, जो पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती द्वारा जारी किए गए थे। लिहाजा सभी 6 विधायक पार्टी के निर्देश मानने के लिए बाध्य हैं।
पार्टी ने विधायकों को दी ये चेतावनी
बता दें कि सियासी संकट के बीच बसपा के सभी छह विधायकों ने कांग्रेस का दामन थामते हुए गहलोत सरकार के समर्थन का ऐलान किया है। यही नहीं, विधायकों का दावा है कि उन्होंने कांग्रेस में विलय कर लिया है। हालांकि बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने न सिर्फ सभी छह विधायकों को व्हिप जारी कर कांग्रेस के खिलाफ वोट देने का निर्देश जारी किया बल्कि आदेश न मामने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। यही नहीं, बहुजन समाज पार्टी ने सभी विधायकों को नोटिस भी जारी किए हैं। अगर विधायक पार्टी के निर्देश को नहीं मानते तो पार्टी इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जा सकती है।
राज्यसभा चुनाव में भी कांग्रेस को दिया वोट
बसपा के 6 विधायक करौली से लखन सिंह मीना, नदबई से जोगिन्दर सिंह अवाना, नगर से वाजिब अली, तिजारा से संदीप कुमार, किशनगढबास से दीपचन्द खैरिया और उदयपुरवाटी से राजेन्द्र सिंह गुढा चुनाव जीतकर आए थे। बाद में ये कांग्रेस में शामिल हो गए और अभी कांग्रेस विधायकों के साथ होटल फेयरमाउंट में ही ठहरे हैं। इन विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में भी कांग्रेस प्रत्याशी को वोट दिया था। बसपा ने उस समय भी विलय को अवैध बताते हुए निर्वाचन आयोग को शिकायत की थी, लेकिन आयोग ने मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया था। अब जबकि सियासी घमासान छिड़ा है तो पार्टी ने एक बार फिर से व्हिप जारी कर दिया है। अब हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में दसवीं अनुसूची के पैरा 2 (1)(A) पर बहस छिड़ी है तो बसपा विधायकों को लेकर भी नया फैसला आ सकता है और गहलोत खेमे की मुश्किलें बढ सकती हैं।