जातिगत जनगणना से ही संभव है राम राज्य, इस अवधारणा के मूल में समाजवाद : अखिलेश
सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधते हुए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि ''राम राज्य'' की महान अवधारणा के मूल में समाजवाद है और यह जाति आधारित जनगणना से ही संभव है।
अखिलेश यादव का बयान कांग्रेस और जद (यू) सहित कई विपक्षी दलों द्वारा जातिगत जनगणना की मांग करने और एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों की आबादी के अनुसार आरक्षण की मांग के कुछ दिनों बाद आया है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अद्यतन जाति जनगणना की मांग की। उन्होंने कहा कि इस तरह के आंकड़ों के बिना सार्थक सामाजिक न्याय और अधिकारिता कार्यक्रम अधूरे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री और जद (यू) नेता नीतीश कुमार ने कांग्रेस पार्टी की मांग का समर्थन किया।
यादव ने हिंदी में एक ट्वीट में कहा, "समाजवाद राम राज्य की महान अवधारणा का मूल है। समाजवाद बिना किसी भेदभाव के सभी के साथ समान व्यवहार, प्यार से (एक दूसरे को) गले लगाने, समान अवसर देने, सभी के लिए और सामाजिक सुरक्षा जैसे जमीनी सिद्धांतों पर सही तरीके से लागू होता है।"
उन्होंने कहा, "राम राज्य केवल जातिगत जनगणना से ही संभव है, जो सच्चा सामाजिक न्याय प्रदान करेगा।" जातिगत जनगणना की मांग से पिछड़े वर्गों तक भाजपा की पहुंच की परीक्षा होने की संभावना है। जबकि भाजपा की बिहार इकाई ने राज्य में जातिगत जनगणना के प्रस्ताव का समर्थन किया था, पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने अभी तक इसकी मांग का जवाब नहीं दिया है।