Advertisement
30 November 2018

मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे सकते हैं कुशवाहा, महागठबंधन में पांच सीट मिलने के कयास

केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के लेकर जारी कयासों का दौर अब खत्म होता दिख रहा है। सूत्रों के मुताबिक राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन से उनकी डील फाइनल हो गई है और छह दिसंबर को कुशवाहा एनडीए से अलग होने का ऐलान कर सकते हैं। बताया जाता है कि कुशवाहा की राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) को लोकसभा चुनाव में महागठबंधन पांच सीटें देगा।

शुरुआत में कुशवाहा ने छह सीटों की मांग की थी, लेकिन उस समय बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी याद चार से ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं थे। यह भी कहा जा रहा है कि तेजस्वी ने एनडीए से अलग होने को लेकर कुशवाहा को जल्द से जल्द फैसला लेने को कहा है। देर करने पर महागठबंधन के दरवाजे उनके लिए बंद होने की बात भी कही गई है। सूत्र बताते हैं कि कुशवाहा पहले इस पक्ष में थे कि फरवरी से पहले रालोसपा एनडीए से बाहर नहीं जाए। लेकिन, तेजस्वी और अपनी पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष नागमणि जैसे नेताओं की ओर से बढ़ते दबाव के कारण उन्होंने बिहार के वाल्मीकि नगर में चार और पांच दिसंबर को होने वाली पार्टी की चिंतन बैठक के बाद एनडीए से अलग होने का ऐलान करने का मन बना लिया है। छह दिसंबर को मोतिहारी में पार्टी के खुले अधिवेशन में वे इसका ऐलान कर सकते हैं।

इस संबंध में पूछ जाने पर राजद सांसद जय प्रकाश नारायण यादव ने आउटलुक को बताया, “हमने कई मौकों पर उपेंद्र कुशवाहा को साथ आने को कहा है। अब फैसला उन्हें करना है कि वे एनडीए में अपमानित होते रहेंगे या महागठबंधन के साथ गरीब, किसान विरोधी इस सरकार को उखाड़ फेंकने का काम करेंगे।” सीटों को लेकर यादव ने बताया कि महागठबंधन के नेता मिल-बैठकर यह मामला सुलझा लेंगे। वहीं, रालोसपा के महासचिव और प्रवक्ता माधव आनंद ने बताया कि एनडीए में रालोसपा को तीन सीटें मिलने की भी संभावना नहीं दिख रही है। हम जल्द ही इस संबंध में फैसला लेंगे। लेकिन इतना तो तय है कि इस बार रालोसपा बिहार में जितने सीटों पर लोकसभा का चुनाव लड़ेगी उसकी कल्पना किसी ने नहीं की होगी।

Advertisement

उन्होंने बताया, “कुशवाहा जी ने अपनी तरफ से पूरा प्रयास किया। लेकिन, भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से उनकी बात नहीं हो पाई है। जो लोग मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनते नहीं देखना चाहते वे रालोसपा को एनडीए से बाहर करने की साजिश रच रहे हैं।” उन्होंने बताया कि छह दिसंबर को पार्टी अपनी रणनीति का खुलासा करेगी। उसी दिन कुशवाहा बताएंगे कि कैसे उन्हें बार-बार एनडीए में अपमानित करने का काम किया गया। तेजस्वी यादव के साथ सीटों को लेकर किसी तरह की बातचीत होने से उन्होंने इनकार किया। आनंद ने बताया कि अभी रालोसपा एनडीए का हिस्सा है, जब तक महागठबंधन में शामिल नहीं होती सीटों पर बातचीत कैसे होगी।

एक तरफ भाजपा का शीर्ष नेतृत्व कुशवाहा को भाव देता नहीं दिख रहा है। दूसरी तरफ, बिहार भाजपा का एक धड़ा चाहता है कि रालोसपा एनडीए छोड़कर नहीं जाए। पार्टी के एक विधान परिषद सदस्य ने नाम नहीं छापने की शर्त पर आउटलुक को बताया, “बिहार में एनडीए और महागठबंधन के बीच बराबरी का मुकाबला है। कुशवाहा के जाने से एनडीए को बड़ा नुकसान होगा। जब जदयू के लिए भाजपा त्याग कर सकती है तो रालोसपा के लिए क्यों नहीं। हमने अपनी भावनाओं से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को अवगत करा दिया है।”

लेकिन, जिस तरह से बिहार एनडीए में चीजें आगे बढ़ रही है उससे जाहिर है कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने राज्य के इन नेताओं की बात को गंभीरता से नहीं लिया है। गौरतलब है कि कुशवाहा ने पिछले दिनों भाजपा को 30 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया था। उन्होंने प्रधानमंत्री से भी मुलाकात का समय मांगा था। ऐसे में अब सबकी नजर रालोसपा के खुले अधिवेशन पर टिक गई है। उसी दिन पता चलेगा कि कुशवाहा मंत्री पद का मोह छोड़ महागठबंधन का हाथ थामने की हिम्मत दिखा पाते हैं या एनडीए को एक बार अल्टीमेटम देकर थम जाते हैं !

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: तेजस्वी यादव, उपेंद्र कुशवाहा, एनडीए, महागठबंधन, बिहार, रालोसपा, राजद, Tejaswi yadav, Upendra kushwaha, NDA, RLSP, BJP, Bihar
OUTLOOK 30 November, 2018
Advertisement