'शिंदे युग खत्म हो गया है, वह अब कभी सीएम नहीं बनने वाले': उद्धव ठाकरे गुट के संजय राउत
महायुति गठबंधन द्वारा महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस को चुने जाने के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने गुरुवार को निवर्तमान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर कटाक्ष किया और कहा कि "शिंदे युग समाप्त हो गया है" और वह फिर कभी मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे।
संजय राउत की यह टिप्पणी महाराष्ट्र में ऐतिहासिक जीत के बाद मौजूदा महायुति गठबंधन द्वारा देवेंद्र फडणवीस को अगला मुख्यमंत्री चुनने और निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को उपमुख्यमंत्री पद की पेशकश के बाद आई है। राउत ने दावा किया कि शिंदे का 'भारतीय जनता पार्टी द्वारा इस्तेमाल किया गया और अब उन्हें दरकिनार कर दिया गया है।'
राउत ने कहा, "शिंदे युग खत्म हो चुका है, यह सिर्फ दो साल के लिए था। उनका इस्तेमाल अब खत्म हो चुका है और उन्हें किनारे कर दिया गया है। शिंदे इस राज्य के दोबारा कभी सीएम नहीं बनेंगे। वे (भाजपा) शिंदे की पार्टी को भी तोड़ सकते हैं, राजनीति में भाजपा की हमेशा यही लाइन रही है। वे अपने साथ काम करने वालों की पार्टी तोड़ते और खत्म करते हैं।"
राउत ने स्पष्ट बहुमत होने के बावजूद महाराष्ट्र के सीएम का नाम घोषित करने में देरी पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि महायुति गठबंधन में कुछ गड़बड़ है।
राउत ने कहा, "देवेंद्र फडणवीस आज से राज्य के मुख्यमंत्री होंगे। उनके पास बहुमत है लेकिन इसके बावजूद वे 15 दिनों तक सरकार नहीं बना पाए। इसका मतलब है कि उनकी पार्टी या महायुति के भीतर कुछ गड़बड़ है। यह मुद्दा कल से दिखना शुरू हो जाएगा।"
बता दें कि देवेन्द्र फडणवीस आज मुंबई के आज़ाद मैदान में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में दो उपमुख्यमंत्रियों, राकांपा नेता अजित पवार और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे को भी शपथ दिलाई जाएगी।
यह फैसला कई दिनों की अटकलों और राजनीतिक चालों के बाद आया है क्योंकि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनना चाहते थे। हालांकि, भाजपा ने पीछे हटने से इनकार कर दिया और बाद में शिंदे ने कहा कि वह पीएम मोदी की पसंद का समर्थन करेंगे।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने 235 सीटों के साथ शानदार जीत हासिल की। यह परिणाम भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ, जो 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।
शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने भी क्रमशः 57 और 41 सीटों के साथ उल्लेखनीय बढ़त हासिल की। वहीं, महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को बड़ा झटका लगा है, कांग्रेस को सिर्फ 16 सीटें मिली हैं। इसके गठबंधन सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) को 20 सीटें मिली हैं, जबकि एनसीपी (शरद पवार गुट) को सिर्फ 10 सीटें मिली हैं।