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04 July 2022

महाराष्ट्र संकट: एकनाथ शिंदे गुट पर फिर संजय राउत का तंज, इतनी सुरक्षा तो कसाब को भी नहीं मिली थी

ट्विटर

महाराष्ट्र में जारी सियासी उठापटक और फ्लोर टेस्ट से पहले शिवसेना सांसद संजय राउत ने एक बार फिर सोमवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े की वैधता पर सवाल उठाया और कहा कि यह समूह असली सेना होने का दावा नहीं कर सकता।

एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को झटका देते हुए, महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने अजय चौधरी को हटाकर शिंदे को शिवसेना विधायक दल के नेता के रूप में बहाल किया है। वहीं, नार्वेकर ने शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में शिंदे खेमे से भरत गोगावाले की नियुक्ति को भी मान्यता दी, सुनील प्रभु को हटा दिया, जो ठाकरे गुट से हैं।

शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि जो लोग छोड़कर गए हैं उनका गांव में घूमना भी मुश्किल है। कसाब को भी इतनी सुरक्षा नहीं दी गई थी जितनी इनको (विधायकों को) दी गई। जब यह लोग मुंबई में उतरे तो लगभग आर्मी को बुला लिया था। गुवाहाटी में भी देखा होगा कि किस तरह से घेराबंदी की थी। आपको किस बात का डर है?

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दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए राउत ने कहा कि इन विधायकों (शिंदे समूह के) को खुद से कुछ सवाल पूछने चाहिए। उन्होंने चुनाव जीतने के लिए पार्टी के चिन्ह और इसके साथ आने वाले सभी लाभों का इस्तेमाल किया और फिर उसी पार्टी को तोड़ दिया।

संजय राउत ने कहा कि पार्टी में लोग आते हैं चले जाते हैं, ऐसा हर पार्टी में होता है। हमारे लोग भी गए लेकिन यह लोग चुनकर वापस कैसे आएंगे? यह लोग शिवसेना के नाम और हमारे कार्यकर्ता की मेहनत से चुनकर आए थे। कोई प्रलोभन या किसी एजेंसी के दबाव की वजह से यह लोग चले गए। यह अस्थायी व्यवस्था है।

उन्होने कहा, "हम निश्चित रूप से इसे अदालत में लड़ेंगे। शिंदे गुट ने शिवसेना छोड़ दी, फिर वे कैसे दावा कर सकते हैं कि उनका समूह मूल पार्टी है, न कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाला। ठाकरे नाम शिवसेना का पर्याय है।"

संजय राउत ने कहा, राजनीति में पैसा ही सबकुछ नहीं होता। पार्टी को कमजोर करने की साजिश रची गई, बदले की भावना से पार्टी को तोड़ा गया। उन्होंने कहा विधायकों का जाना अस्थाई है। वे विधायक शिवसेना में शेर थे, अब लोगों के बीच भी नहीं जा सकते हैं।

बता दें कि एकनाथ शिंदे गुट ने बगावत करके पहले तो सरकार का गठन किया और अब पार्टी पर भी दावा ठोक रहा है। यही वजह है कि उद्धव ठाकरे लगातार संगठन को मजबूत करने के प्रयास कर रहे हैं। वह सीएम पद से इस्तीफे के बाद कई बार सेना भवन जा चुके हैं और कार्यकर्ताओं से बात कर चुके हैं। 

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TAGS: Shinde-led faction, original Shiv Sena, Sanjay Raut, Maharashtra, Maharashtra Crisis, Uddhav thackeray
OUTLOOK 04 July, 2022
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