पलायन की खबरों से शिवपाल का इनकार
शिवपाल ने कहा है कि सरकार के पास खुफिया रिपोर्ट तथा अन्य स्रोतों में जुटाई गई खबरें हैं और बड़े पैमाने पर पलायन की कोई घटना नहीं हुई है।
भाजपा पर आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सांप्रदायिक माहौल खराब करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने दावा किया कि शामली के कैराना से कोई पलायन नहीं हुआ है और कहा कि वह हालात की निष्पक्ष जांच के लिए संतों से मदद मांगेगे। शिवपाल सिंह यादव ने लखनऊ में संवाददाता सम्मेलन में कहा कैराना में भाजपा के लोग रोज पलायन-पलायन की बात करते हैं। पलायन कहीं नहीं हो रहा है। हमारे पास अभिसूचना समेत सभी रिपोर्ट हैं। उन्होंने भाजपा सांसद हुकुम सिंह और मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपी विधायक संगीत सोम का नाम लेते हुए कहा कि जाली नोटों से लेकर जमीन कब्जे तक हर गैरकानूनी काम करने वाले कुछ नेता आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर दंगा कराकर वोट हासिल करने की फिराक में हैं, लेकिन सपा सरकार ऐसा होने नहीं देगी।
यादव ने कहा, हम मीडिया के माध्यम से पांच संतों आचार्य प्रमोद कृष्णम, स्वामी कल्याण, नारायणा गिरि, स्वामी चिन्मयानन्द और स्वामी चक्रपाणि से निवेदन कर रहे हैं कि वे कैराना जाएं और स्थिति की जांच कर सही बात सामने रखें। ये बड़े संत हैं। अभी तक तो पार्टी के लोग जा रहे थे। हम संतों से निवेदन कर रहे हैं। वे बिल्कुल सही रिपोर्ट देंगे।
गौरतलब है कि यूपी के शामली जिले का कैराना कस्बा पिछले करीब 10 दिनों से राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में है। भारतीय जनता पार्टी के सांसद हुकुम सिंह ने 346 लोगों की एक सूची जारी कर यह दावा किया था कि ये सभी लोग दूसरे संप्रदाय के दबाव के कारण कैराना से पलायन कर गए। इसके बाद इस मुद्दे पर हंगामा मच गया। मीडिया ने अपने स्तर पर तककीकात की और राजनीतिक दलों ने भी इसपर बयान देना आरंभ कर दिया। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने तो इलाहाबाद में बाकायदा यह घोषणा भी कर दी कि पार्टी इस मसले को यूपी के चुनावों में मुद्दा बना सकती है। बाद में जब मीडिया की छानबीन आरंभ हुई तो पता चला कि इस सूची में कई लोग तो दसियों साल पहले ही बेहतर जीवन की तलाश में पलायन कर चुके हैं और कई लोग अब भी वहां रह रहे हैं। इसके बाद खुद हुकुम सिंह रक्षात्मक हो गए और उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से सूची का सत्यापन कराने की बात कही। बाद में उन्होंने यह भी कहा कि पलायन सांप्रदायिक वजहों से नहीं बल्कि आपराधिक वजहों से हुआ है। इस मुद्दे पर भाजपा ने अपने सांसदों और विधायकों की एक टीम वहां जांच के लिए भेज दी तो जदयू ने भी बड़े नेताओं की टीम भेजी।
प्रशासन ने अपने स्तर से पुलिस और अधिकारियों से जांच कराई और अंत में यह निष्कर्ष निकाला कि हाल में सिर्फ तीन या चार परिवारों ने कैराना से अपराधियों के दबाव के कारण पलायन किया है। इसी रिपोर्ट के आधार पर शिवपाल सिंह यादव ने सरकार और पार्टी की ओर से यह दावा किया कि प्रदेश में कहीं बड़े पैमाने पर पलायन नहीं हुआ है।