Advertisement
29 August 2018

शिवपाल यादव ने बनाया समाजवादी सेक्युलर मोर्चा, सपा से उपेक्षित लोगों को जोड़ेंगे

ANI

समाजवादी कुनबे में डेढ़ साल से थमी रार बढ़ने लगी है और शिवपाल खेमे ने फिर से राजनीतिक हिस्सेदारी के लिए जोर आजमाईश शुरू कर दी है। लंबे समय से समाजवादी पार्टी की उपेक्षा झेल रहे पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने बुधवार को समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के गठन की घोषणा की है। शिवपाल ने कहा कि सेक्युलर मोर्चे के तहत सपा में उपेक्षित नेताओं और अन्य छोटे दलों को जोड़ने का काम किया जाएगा।

फिलहाल शिवपाल खेमे का समाजवादी सेक्यूलर मोर्चा लोकसभा चुनाव को देखते हुए छोटे दलों को साथ में जोड़ने की तैयारी कर रहा है। अगर ऐसा होता है तो प्रदेश में होने वाले महागठबंधन और समाजवादी पार्टी पर इसका असर पड़ेगा। साथ ही इसका लाभ भाजपा को मिलेगा।

 

Advertisement

शिवपाल ने कहा कि वह नेताजी मुलायम सिंह यादव को सम्मान न दिए जाने से आहत हैं और जिस किसी का भी समाजवादी पार्टी में सम्मान नहीं हो रहा उन्हें हमारे साथ आना चाहिए। हालांकि लोकसभा चुनाव पर उनका कहना है कि सभी दलों से राय कर निर्णय लेंगे।

चुनाव से समय एेसा बहुत कुछ होगाः अखिलेश

शिवपाल के बयान के बाद समाजवादी पार्टी के कार्यालय में शिवपाल यादव के खिलाफ छात्र सभा के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। साथ ही कार्यालय के बाहर शिवपाल के खिलाफ नारे भी लगाए। शिवपाल सिंह यादव के बयान पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा कि अभी तो कुछ नहीं, जैसे-जैसे चुनाव आएंगे ऐसा बहुत कुछ होगा। हमें भटकना नहीं है। हमें अपना फोकस बनाकर रखना है। मैं भी नाराज हूं, मैं कहां जाऊं।

आखिर बर्दाश्त की भी सीमा होती है

हाल ही में रक्षाबंधन पर बहन से राखी बंधवाने के बाद शिवपाल ने कहा था कि इंतजार करते डेढ़ साल हो चुके हैं, आखिर कितनी उपेक्षा बर्दाश्त की जाए। सहने की कोई सीमा होती है। मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के अध्यक्ष और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने भी शिवपाल सिंह से मुलाकात की थी। कयास लगाए जा रहे हैं कि राजभर भी इस मोर्चे में शामिल हो सकते हैं।

टूटा भरोसा

शिवपाल यादव को मुलायम सिंह यादव ने पिछले साल भरोसा दिलाया था कि समाजवादी पार्टी में उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी। पिछले साल जब पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई तो भी यह तय माना जा रहा था कि उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बना दिया जाएगा लेकिन प्रोफेसर रामगोपाल यादव को प्रधान महासचिव तो बना दिया गया और उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई।

चाचा-भतीजे के रिश्तों में पिछले साल आया थी खटास

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और शिवपाल के बीच रिश्ते में खटास  पिछले साल यूपी विधानसभा चुनाव के पहले आई थी जिसके कारण अखिलेश ने अपने चाचा शिवपाल को मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया था। इसके बाद मुलायम कुनबे की लड़ाई सड़क पर आ गई थी। हालांकि मुलायम सिंह यादव ने कई बार कुनबे को एक करने की कोशिश की, लेकिन वे कामयाब नहीं हो पाए। पिछले दिनों चर्चा थी कि शिवपाल भाजपा का दामन थाम सकते हैं। शिवपाल के करीबी माने जाने वाले अमर सिंह ने भी कहा था कि उन्होंने भाजपा के बड़े नेता के साथ उनकी मीटिंग फिक्स कराई थी, लेकिन वे नहीं पहुंचे।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Shivpal yadav, SP, samnajwadi, secular morcha, disappointed
OUTLOOK 29 August, 2018
Advertisement