अम्मा को धक्का दिया गया, अन्नाद्रमुक के एक नेता का सनसनीखेज दावा
गौरतलब है कि जयललिता को 22 सितंबर को चेन्नै के अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां लंबे इलाज के बाद उनका निधन हो गया था।
पूर्व मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम के आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए पंडियन ने कहा, 'किसी के धक्का देने के बाद अम्मा (जयललिता) गिर गईं। उसके बाद अम्मा के साथ क्या हुआ, यह किसी को नहीं पता। एक पुलिस अफसर ने एंबुलेंस बुलाया और उन्हें अस्पताल ले जाया गया।
पंडियन ने दावा किया कि जयललिता के भर्ती होने के बाद अपोलो हॉस्पिटल के 27 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों को हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रबंधन को यह स्पष्ट करना चाहिए कि सीसीटीवी कैमरे क्यों हटाए गए?
पंडियन ने कहा कि जयललिता का निधन 4 दिसंबर को शाम 4.30 बजे ही हो चुका था लेकिन हॉस्पिटल ने उसके अगले दिन 5 दिसंबर को इसका ऐलान किया। उन्होंने कहा कि यह बताया जाना चाहिए कि किस फैमिली मेंबर ने जयललिता का इलाज बंद करने के लिए कहा था।
पंडियन से जब यह पूछा गया कि आपको ये सूचनाएं कहां से मिलीं तो उनका जवाब था, 'मेरे अपने स्रोत हैं। मैं खुद ही जांच कर रहा हूं।' उन्होंने कहा, 'अम्मा के इलाज में कई ऐसी चीजें हैं जिन पर शक होता है। मुख्यमंत्री के नाते उन्हें एसपीजी सिक्यॉरिटी मिली हुई थी। क्या एसपीजी ऐक्ट के मुताबिक उनके खाने की जांच की गई? और उन्हें अस्पताल में जाने की इजाजत क्यों नहीं थी?' उन्होंने पूछा कि अपोलो हॉस्पिटल में ही कई फीजियो हैं तो जयललिता के इलाज के लिए सिंगापुर से फीजियो क्यों बुलाए गए।
उन्होंने कहा कि तीन सीटों पर उप-चुनाव के दौरान अन्नाद्रमुक उम्मीदवारों के नामांकन के वक्त फॉर्म ए और बी पर जयललिता के अंगूठे के निशान लिए गए थे। पंडियन ने पूछा क्या किसी दूसरे दस्तावेज पर भी जयललिता के अंगूठे के निशान लिए गए, डॉक्टर और वे लोग जो उस समय अम्मा के पास थे उन्हें इसका जवाब देना चाहिए।
पंडियन ने सवाल किया, 'जून 2015 में जयललिता को इलाज के लिए सिंगापुर ले जाने के लिए चेन्नै एयरपोर्ट पर पैरा-एंबुलेंस हेलिकॉप्टर तैनात था। लेकिन उन्हें इलाज के लिए सिंगापुर ले जाने से किसने रोका था?'