सपा संकट: अखिलेश के बाद शिवपाल का वार, रामगोपाल पार्टी से बर्खास्त
उत्तर प्रदेश के समाजवादी कुनबे में जारी उथल-पुथल के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश द्वारा आज अपने चाचा शिवपाल यादव समेत चार मंत्रियों को बर्खास्त किये जाने के बाद सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश के हिमायती बताये जाने वाले अपने भाई और पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव को पार्टी से निकाल दिया। सपा के प्रान्तीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने प्रेस कांफ्रेंस में रामगोपाल पर कई गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के निर्देश पर रामगोपाल को सपा से छह साल के लिये निकाल दिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि रामगोपाल पूरी तरह भाजपा से मिले हैं। वह तीन बार भाजपा के एक बड़े नेता से मिल चुके हैं। वह यह सब इसलिये कर रहे हैं क्योंकि उनके सांसद पुत्र अक्षय यादव और पुत्रवधु नोएडा के पूर्व मुख्य अभियंता यादव सिंह द्वारा किये गये अरबों रुपये के घोटाले के प्रकरण में फंसे हैं। शिवपाल ने आरोप लगाया कि रामगोपाल सपा को तोड़ने का षड्यंत्र कर रहे हैं और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इन सभी साजिशों को समझ नहीं पा रहे हैं।
इसके पूर्व, रामगोपाल ने आज जारी एक खुले पत्र में पार्टीजन से अखिलेश के नेतृत्व में समाजवादी सरकार बनवाने का आह्वान करते हुए कहा था कि विरोधी गुट चाहता है कि अखिलेश की हर हाल में पराजय हो। रामगोपाल ने विरोधी गुट के लोगों को व्याभिचारियों और सत्ता का दुरुपयोग करने वालों का खेमा बताते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री की आगामी तीन नवम्बर को शुरू होने वाली रथयात्रा विरोधियों के गले की फांस है और इस फांस को और नुकीला किया जाएगा। चाचा-भतीजे के बीच वर्चस्व की जंग में खुलकर अखिलेश का साथ देने वाले सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहे रामगोपाल सपा के थिंक टैंक माने जाते रहे हैं। वह सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के चचेरे भाई हैं। वह राज्यसभा में सपा के नेता भी थे।
इससे पहले आज दिन में लखनऊ में विधानमंडल दल की बैठक में मुख्यमंत्री ने शिवपाल समेत कई मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने का एलान किया। राजभवन की ओर से जारी एक बयान में इसकी पुष्टि करते हुए बताया गया कि राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री की सिफारिश पर मंत्री शिवपाल सिंह यादव, नारद राय, ओम प्रकाश सिंह तथा स्वतंत्र प्रभार की राज्यमंत्री सैयदा शादाब फातिमा को पद से बर्खास्त कर दिया है। बयान के अनुसार इन चारों मंत्रियों को पदमुक्त करने संबंधी फाइल राज्यपाल के अनुमोदन के लिये आज ही राजभवन को प्राप्त हुई थी। मुख्यमंत्री ने शिवपाल के साथ अपनी जंग को नया रूप देते हुए यह कदम ऐसे वक्त उठाया है जब सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव सोमवार को सपा विधायकों, मंत्रियों और विधान परिषद सदस्यों के साथ महत्वपूर्ण बैठक करने जा रहे हैं। अखिलेश ने बैठक में कहा कि कुछ बाहरी लोग उनके तथा उनके पिता सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के बीच दूरियां बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने राज्यसभा सदस्य अमर सिंह का नाम लेते हुए कहा कि जो भी मंत्री या नेता उनका साथ दे रहा है, उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा। बैठक के दौरान अखिलेश के समर्थकों ने उनके आवास के बाहर अमर सिंह के खिलाफ नारेबाजी की। उधर, मंत्रिमंडल से शिवपाल की बर्खास्तगी के बाद बड़ी संख्या में उनके समर्थक उनके सरकारी आवास के बाहर एकत्र हो गए।