जनता के हितों के खिलाफ काम करने से बीजेपी को रोकने में नाकाम रही सपा : मायावती
बसपा सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को समाजवादी पार्टी पर, सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा लोगों के हितों के खिलाफ काम करने से रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया। जिससे दोनो दलों के बीच संभावित गठजोड़ की अटकलों पर विराम लग गया। मायावती द्वारा मंगलवार को दिए गए एक बयान के बाद दोनो विपक्षी दलों में गठबंधन की अटकलें लगाई जानें लगी थी।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को विपक्षी दलों को विरोध न करने देने के लिए, उत्तर प्रदेश सरकार की कड़ी आलोचना की थी। जिसके एक दिन बाद पुलिस ने समाजवादी पार्टी के आंदोलन को विफल कर दिया।
बसपा प्रमुख की मंगलवार को टिप्पणी ने दोनों विपक्षी दलों के बीच संभावित गठजोड़ की अटकलों को जन्म दिया। कई राजनीतिक विशेषज्ञों ने इसे बिहार में सत्ता परिवर्तन की लहर का प्रभाव करार दिया। जहां जदयू ने बीजेपी से संबंध तोड़ राजद के साथ मिलकर सरकार बना ली थी।
मायावती ने बुधवार को ट्वीट कर सपा पर निशाना साधते हुए कहा– "उत्तर प्रदेश की धर्मनिरपेक्ष ताकतों ने भाजपा की चरम जातिवादी, सांप्रदायिक और जनविरोधी नीतियों के खिलाफ मतदान कर सपा को मुख्य विपक्षी दल बनाया लेकिन सपा भाजपा को टक्कर देने में विफल रही।"
उन्होंने कहा समाजवादी पार्टी ने भाजपा सरकार को "पूरी तरह से निरंकुश, जनविरोधी सोच और कार्यशैली" के साथ यूपी के करोड़ों लोगों के हितों और कल्याण के खिलाफ काम करने के लिए स्वतंत्र कर दिया है।
मायावती ने कहा, " विधानसभा में एक बड़ी ताकत होने के बावजूद, सपा सरकार के खिलाफ बहुत असहाय और कमजोर दिखती है, जो बहुत चिंताजनक है।"
मायावती ने मंगलवार को राज्य सरकार पर "तानाशाही व्यवहार" करने और विपक्षी दलों को विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं देने का आरोप लगाया था।
मायावती के बयान के बाद, राजनीतिक विशेषज्ञ समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर अटकलें लगाने लगे। जिसे सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने "दूर की कौड़ी" बताया।
इससे पहले, दोनों दलों ने 2019 का लोकसभा चुनाव एक साथ लड़ा था, लेकिन चुनाव के बाद दोनो पार्टियों के संबंध
टूट गए।