रजत जयंती समारोह में दूर हुए शिकवे, गले मिले अखिलेश-शिवपाल
उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी आज राजधानी लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में अपनी स्थापना के 25 साल पूरे होने पर रजत जयंती समारोह मना रही है। पार्टी का यह रजत जयंती समारोह कई मायने में बेहद अहम माना जा रहा है। इस समारोह में देश भर के समाजवादियों का जमावड़ा लगा है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के अलावा आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौडा, रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजित सिंह हरियाणा के नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला, जेडीयू सांसद शरद यादव, केसी त्यागी समेत कई दिग्गज इस समारोह में मौजूद हैं। पार्टी के रजत जयंती समारोह से मुलायम परिवार में एकजुटता का सन्देश देने की भी कोशिश है। चाचा-भतीजे में पिछले कई महीनों से चले आ रहे मनमुटाव का शनिवार को समारोह में उस समय पटाक्षेप हो गया जब राजद सुप्रीमो लालू यादव के कहने पर शिवपाल और अखिलेश ने एक-दूसरे को गले लगाकर दूरियां खत्म होने का संकेत दे दिया। इसके बाद अखिलेश ने चाचा के पांव भी छूए।
इसका असर समारोह को संबोधित करते हुए शिवपाल के भाषण पर साफ देखा गया जिसमें वह बेहद भावुक हो गए। प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते आमंत्रित अथितियों का स्वागत करते हुए शिवपाल ने कहा, चाहे जितना अपमान कर लो, बर्खास्त कर लो, लेकिन मैंने भी बहुत काम किया है। उन्होंने सीधे तौर पर अखिलेश से कहा, मुख्यमंत्रीजी मेरे विभाग में जितना काम हुआ वह आपके विभाग में नहीं हुआ। मुख्यमंत्रीजी मेरा अपमान कर लो। और क्या चाहते हो मुझसे? जो भी मंगोंगे दे देंगे। मैंने भी बहुत संघर्ष किया है। मुझे कभी मुख्यमंत्री नहीं बनना। इस बीच मुलायम के कहने पर शिवपाल ने सपा नेता जावेद आब्दी को मंच से हटा दिया। शिवपाल ने आगे कहा कि गुटबंदी खत्मकर, अनुशासन में रहकर सरकार बनाएंगे। पद रहे या न रहे, जो भी नेताजी का आदेश होगा उसका पालन करूंगा।