‘आप’ की दागदार टोपी, मंत्री सत्येंद्र जैन हवाला में फंसे
इन कंपनियों के खिलाफ आयकर विभाग कर चोरी के मामलों की जांच कर रहा है और इसी जांच के दौरान कंपनियों को जैन द्वारा अवैध तरीके से पैसे ट्रांसफर करने का पता चला है। अधिकारियों ने बताया कि जैन को दिल्ली में चार अक्टूबर को जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है और साथ ही उन्हें पिछले चार साल के आईटीआर और निजी वित्तीय जानकारी भी साथ लाने का निर्देश दिया है। अधिकारियों के अनुसार कोलकाता के आयकर विभाग ने कर चोरी और अवैध वित्तीय लेन-देन के मामले में एक फर्म के खातों की जांच की तो उसे जैन से जुड़े कुछ वित्तीय लेन-देन के रिकार्ड मिले। उन्होंने कहा कि विभाग को इसके बाद कम से कम तीन फर्मों से जुड़े लेन-देन के दस्तावेज मिलने की खबर है, जिनका जैन से संबंध है। कोलकाता में तलाशी के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों के बारे में जैन से पूछताछ की जाएगी।
दूसरी ओर समन पर प्रतिक्रिया देते हुए जैन ने कहा कि उन्हें केवल एक गवाह के रूप में बुलाया गया है। मंत्री ने कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है और वह चार अक्टूबर को आयकर विभाग के समक्ष पेश होंगे। जैन ने पत्रकारों से कहा, एक निवेशक के तौर पर मैंने इन कंपनियों में चार साल पहले निवेश किया था, लेकिन 2013 से मेरा इन कंपनियों से कोई लेना देना नहीं है। मैंने कुछ गलत नहीं किया है। मुझे केवल एक गवाह के तौर पर समन भेजा गया है। बाद में फिर से पत्रकारों के सामने आए सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 2 दिनों के अंदर विधानसभा में एक बड़ा खुलासा करने वाले हैं और टीवी चैनल्स को उसका प्रसारण करने की चुनौती दी। उधर, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया कि जैन को फंसाया जा रहा है और अगर जैन दोषी होते तो उन्होंने उन्हें पार्टी से पहले ही निकाल दिया होता। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जैन के साथ खड़े हैं।
विभाग की जांच में जैन पर कथित तौर पर इंडो मेटल इंपैक्स, अकिंचन डिवेलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफो सॉल्यूशन और मंगलयातन प्रॉजेक्ट नामक चार कंपनियों को गलत तरीके से 17 करोड़ रुपये ट्रांसफर करने और कंपनियों से चेक पाने का आरोप है। आयकर विभाग ने इस मामले में कोलकाता के हवाला आरोपी जीवेन्द्र मिश्रा का बयान दर्ज किया है। मिश्रा ने अपने बयान में कहा 'जैन ने गैर कानूनी तरीके से कंपनियों को पैसे ट्रांसफर किए।' अरविंद केजरीवाल के करीब दो साल के शासनकाल में जैन चौथे ऐसे मंत्री हैं जिनपर गंभीर आरोप लगे हैं। (एजेंसी)