केंद्र के इशारे पर काम कर रही दिल्ली पुलिस और बार काउंसिल
आप में तोमर
जितेंद्र सिंह तोमर वर्ष 2013 में आम आदमी पार्टी से जुड़े। फरवरी 2015 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में तोमर त्रिनगर से विधायक बने। उन्होंने 14 फरवरी को आप की सरकार में मंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन दो महीने में ही जितेंद्र की फर्जी डिग्री मामला सामने आया।
कहां की है यह विवादास्पद कानून की डिग्री
तोमर दावा करते रहे हैं कि वह भागलपुर यूनिवर्सिटी में पढ़े हैं। लेकिन यूनिवर्सिटी का कहना है कि तोमर की डिग्री का रिकॉर्ड उसके पास नहीं है। इसको लेकर मामला अदालत में में चल रहा है। हाईकोर्ट के आदेश पर दिल्ली की बार काउंसिल ने इस मामले की जाचं की और कहा कि तोमर की स्नातक और लॉ की डिग्री फर्जी है। बार काउंसिल ने बताया था कि उन्होंने यूपी की डॉ. राममनोहर लोहिया अवध यूनिवर्सिटी से स्नातक नहीं किया।
बार काउंसिल ने पुलिस से भी की शिकायत
दिल्ली हाईकोर्ट में चल रही मामले की सुनवाई के दौरान बिहार की तिलका मांझी भागलपुर यूनिवर्सिटी की तरफ से दिए गए जवाब में तोमर के उस प्रोविजनल सर्टिफिकेट को फर्जी बताया गया जो उन्होंने बार काउंसिल में नामाकंन के दौरान दिया था। इसके साथ ही बार कांउसिल ने दिल्ली पुलिस को एक शिकायत भी दी है जिसमें पुलिस से मामले में आईपीसी के तहत आरोपों की जांच करने की बात कही गई।
पार्टी ने दी क्लीन चिट
आम आदमी पार्टी फर्जी डिग्री मामले में तोमर को क्लीन चिट दे चुकी है। इस मामले पर तोमर ने कहा था कि उनके पास कोर्ट में पेश करने के लिए पास पुख्ता सबूत है।