उत्तराखंड द्वारा अपनाई गई समान नागरिक संहिता देश में सभी के लिए समानता का आदर्श बनेगी: सीएम धामी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आशा जताई कि उनके राज्य द्वारा अपनाई गई समान नागरिक संहिता (यूसीसी) देश में सभी के लिए व्यक्तिगत कानूनों में अधिक समानता का मार्ग प्रशस्त करेगी और साथ ही स्थानीय समुदायों के बीच एकता को बढ़ावा देगी तथा लैंगिक समानता को कायम रखेगी।
उत्तराखंड स्वतंत्रता के बाद यूसीसी को अपनाने वाला देश का पहला राज्य है।
मुंबई में एक सभा को संबोधित करते हुए धामी ने दावा किया कि उत्तराखंड में ‘लैंड जिहाद’ हो रहा था जिसे उनकी सरकार ने रोका और लगभग 5,000 एकड़ अतिक्रमित भूमि को वापस हासिल किया।
धामी ने कहा, ‘उत्तराखंड विधानसभा में पारित यूसीसी विधेयक किसी के प्रति पक्षपात दिखाने के लिए पेश नहीं किया गया था। हमारा उद्देश्य किसी को निशाना बनाना नहीं है। हमारा प्रयास सभी के लिए प्रगति सुनिश्चित करना है, क्योंकि हम सभी के विश्वास और विकास के लिए प्रयास करते हैं।’
उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता जीवन को पोषित करने वाली गंगा नदी की तरह है और उत्तराखंड में लागू होने के बाद इससे पूरे देश को लाभ होगा। उन्होंने न्यायिक प्रणाली पर इसके परिवर्तनकारी प्रभाव पर जोर दिया। धामी ने आश्वासन दिया कि प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कठोर प्रावधान तैयार किए जा रहे हैं।
धामी ने आशा व्यक्त की कि समान नागरिक संहिता महिलाओं के प्रति भेदभाव करने वाली कई धार्मिक प्रथाओं को समाप्त कर देगी और उनके लिए समान अधिकार सुनिश्चित करेगी तथा विभिन्न समुदायों के बीच की खाई को पाटने में भी मदद करेगी।