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13 December 2019

नागरिकता कानून पर फिर प्रशांत किशोर का नीतीश पर निशाना- '3 सीएम खिलाफ, बाकी साफ करें अपना रुख'

File Photo

नागरिकता संशोधन विधेयक पर राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद यह कानून की शक्ल में आ गया है। वहीं, बिहार में सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के अंदर इस मुद्दे पर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। पार्टी के नेता प्रशांत किशोर लगातार पार्टी के स्टैंड के खिलाफ राय जाहिर कर रहे हैं। प्रशांत ने एक बार फिर इशारों में सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। प्रशांत ने ट्वीट करते हुए गैर-बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अपना रुख साफ करने को कहा है।

जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने नागरिकता संशोधन बिल और एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) पर अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा, 'संसद में बहुमत साबित हो चुका है। उन्होंने कहा कि अब न्यायपालिका से इतर देश की आत्मा को बचाने की जिम्मेदारी अब 16 गैर-बीजेपी मुख्यमंत्रियों पर है। ये वे राज्य हैं, जिन्हें इन कानूनों को लागू करना है।'

तीन मुख्यमंत्रियों ने किया कैब और एनआरसी का विरोध

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प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए आगे लिखा, 'तीन मुख्यमंत्रियों (पंजाब, केरल और पश्चिम बंगाल) ने नागरिकता संशोधन बिल और एनआरसी का विरोध किया है। अब वक्त आ गया है कि बाकी मुख्यमंत्री इस पर अपना रुख साफ करें।'

 

इससे पहले प्रशांत किशोर ने नागरिकता संशोधन विधेयक के दोनों सदनों से पारित होने के बाद ट्वीट कर कहा था कि बताया जा रहा है कि इसका उद्देश्य नागरिकता देना है, लेना नहीं। लेकिन सच्चाई एनआरसी के साथ है। यह धार्मिक आधार पर भेदभाव के साथ उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सरकार के हाथों में घातक कॉम्बो देता है।

जेडीयू और नीतीश पर उठाए थे सवाल

प्रशांत किशोर ने इससे पहले भी संसद के दोनों सदनों में विधेयक का समर्थन करने पर जेडीयू को आड़े हाथ लिया था। ट्वीट में प्रशांत ने कहा था, 'हमें बताया गया था कि नागरिकता संशोधन बिल (सीएबी) नागरिकता प्रदान करने के लिए है और यह किसी से नागरिकता छीनेगा नहीं। हालांकि सच यह है कि यह एनआरसी के साथ मिलकर धर्म के आधार पर लोगों के साथ भेदभाव करने और यहां तक कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सरकार के हाथों में एक घातक हथियार देगा।'

प्रशांत ने दिलाई 2015 विधानसभा चुनाव की याद

किशोर ने संसद में नागरिकता विधेयक को अपनी पार्टी द्वारा समर्थन दिए जाने पर 2015 विधानसभा चुनाव की याद दिलाई थी। प्रशांत किशोर ने कहा था कि जेडीयू नेतृत्व को उन लोगों के बारे में विचार करना चाहिए, जिन्होंने 2015 के विधानसभा चुनाव में उनमें आस्था और विश्वास को दोहराया था। किशोर ने कहा था कि कैब का समर्थन करते हुए जेडीयू नेतृत्व को एक पल के वास्ते उन सभी के बारे में विचार करना चाहिए, जिन्होंने 2015 में उनमें आस्था और विश्वास को दोहराया था।

बता दें कि प्रशांत किशोर लगातार नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध कर रहे हैं। इस विधेयक को जदयू द्वारा समर्थन दिए जाने पर भी उन्होंने आपत्ति जाहिर की थी। हालांकि, पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहते हुए पार्टी लाइन के खिलाफ उनके बयानों को कई जदयू नेताओं ने उनकी निजी राय बताई है।

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TAGS: Time for, non-BJP CMs, make their stand, clear on CAB, NRC, Prashant Kishor
OUTLOOK 13 December, 2019
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