बोले उमर, कभी नहीं जाएंगे भाजपा के साथ
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि पीडीपी के खुद को भाजपा के हाथों बेचने से राज्य के लोगों में मायूसी, अधिकारहीन और अपमान की भावना आई है। उन्होंने कहा कि पीडीपी ने उनके साथ गठबंधन किया जो हमारे झंडे को मिटाना, हमारे विशेष दर्जे के आधार को नष्ट करना चाहते हैं और लोग क्या खाते हैं, क्या नहीं खाते हैं, उसके आधार पर लोगों को दंडित करने वाले लोगों का संरक्षण करते हैं। उमर ने कहा कि पिछले साल भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के साथ अपने गठबंधन का इस्तेमाल समावेशन के वेश में धुव्रीकरण की राजनीति के प्रमाणपत्र के तौर पर किया था।
उन्होंने कहा कि पीडीपी ने भाजपा का दामन थामकर सत्ता में आने के लिए राज्य के लोगों के राजनीतिक अधिकारों एवं हितों को खतरे में डाला जबकि भाजपा और आरएसएस नेता अल्पसंख्यकों के खिलाफ जहर उगलते रहते हैं और उन्हें खतरनाक परिणाम भुगतने की धमकी देते हैं। उमर ने कहा, मैं कभी भी इन लोगों से संबंध नहीं रख सकता और अपने लोगों की गरिमा की कीमत पर मिलने वाला हर सत्ता पद लेने से इनकार कर दूंगा।
वैसे यह याद रखे जाने वाला तथ्य है कि उमर अब्दुल्ला भले ही भाजपा से कोई संबंध नहीं रखने का दावा करें मगर उनकी पार्टी के अध्यक्ष और उमर के पिता फारुख अब्दुल्ला न सिर्फ केंद्र की भाजपा नीत अटल बिहारी वाजपेयी सरकार का समर्थन कर चुके हैं बल्कि लंबे समय तक एनडीए का हिस्सा रहे हैं। ऐसे में उमर का यह बयान राजनीतिक ज्यादा माना जा रहा है।