अखिलेश को चाचा का झटका, मुख्तार की पार्टी का हुआ सपा में विलय
उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) में पिछले दिनों थमा विवाद एक बार फिर सतह पर आता नजर आ रहा है। पिछले दिनों अखिलेश के विरोध की वजह से पलटे गए कौएद के सपा में विलय के निर्णय पर पार्टी ने एक बार फिर यू टर्न ले लिया है। शिवपाल ने आज लखनऊ में अपनी राज्य कार्यकारिणी की 81 सदस्यीय टीम की घोषणा करते हुए बताया कि कौएद का सपा में विलय मुकम्मल हो चुका है और सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव इस बारे में पहले ही घोषणा कर चुके हैं। अगर जरूरत पड़ी तो वह दोबारा ऐलान कर देंगे। उन्होंने कहा, नेताजी ने बोल दिया है कि कौमी एकता दल का सपा में विलय हो चुका है। जब नेताजी ने कर दिया है तो विलय हो ही चुका है।
माफिया सरगना विधायक मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी की अगुवाई वाली कौएद के सपा में विलय को लेकर पार्टी में मतभेद के सवाल पर शिवपाल ने कहा पार्टी में सब कुछ अच्छा है, बहुत अच्छा है। मालूम हो कि गत जून माह में कौएद का सपा में विलय किया गया था, लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के कड़े विरोध के बाद पार्टी संसदीय बोर्ड ने इस विलय को रद्द कर दिया था। उसके बाद गत 15 अगस्त को सपा मुखिया ने कहा था कि वह इस विलय को मान्यता देते हैं। हालांकि इसकी सार्वजनिक घोषणा नहीं की गई थी। ऐसा माना जा रहा था कि इस बारे में जल्द ही औपचारिक ऐलान होगा।
अखिलेश यादव के कुछ करीबी सहयोगियों को सपा से हाल में निकाले जाने के बाद उनकी वापसी पर पुनर्विचार के सवाल पर शिवपाल ने कहा हमने तो उन्हें निकाल दिया। अब वे पुनर्विचार का जिसका अधिकार है, उसके पास जाएं। अखिलेश के करीबी सहयोगियों विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह यादव, आनन्द भदौरिया, संजय लाठर और मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव दुबे एवं प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद एबाद, युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष बृजेश यादव और समाजवादी छात्रसभा के प्रान्तीय अध्यक्ष दिग्विजय सिंह देव को गत 19 सितंबर को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में सपा से निकाल दिया गया था। शिवपाल ने कहा कि हाल में प्रत्याशियों में बदलाव से पहले नेताजी और अखिलेश की भी सलाह ली गई थी।