यूपी चुनाव 2022: ओवैसी बोले- ‘यूपी में मुसलमानों की स्थिति 'बैंड बाजा पार्टी' जैसी, यहां इनका कोई नेता नहीं’
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक पार्टियां एक्टिव मूड में आ गई हैं। इस बीच ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी मुसलमानों को नेतृत्व मुहैया कराने के मुख्य मुद्दे के साथ उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में उतरने जा रहे हैं। इसेके मद्देनजर ओवैसी ने यूपी में मुसलमानों की स्थिति पर बड़ा बयान दिया है। ओवैसी ने कहा है कि यहां मुसलमानों की स्थिति 'बैंड बाजा पार्टी' जैसी है। यहां मुसलमानों के मुद्दों को उठाने वाला कोई नेता नहीं है।
रविवार को कानपुर में जनसभा को संबोधित करने के दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘’मुसलमानों की स्थिति बारात में 'बैंड बाजा पार्टी' जैसी हो गई है, जहां उन्हें (मुसलमानों को) पहले संगीत बजाने के लिए कहा जाता है, लेकिन विवाह स्थल पर पहुंचने पर उन्हें बाहर खड़ा कर दिया जाता है।’’
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, अब मुसलमान वाद्य यंत्र नहीं बजाएंगे। हर जाति का भी एक नेता होता है, लेकिन मुसलमानों के पास” कोई नेता नहीं है। यूपी में 19 फीसदी मुस्लिम आबादी है, लेकिन एक भी नेता नहीं है।
The condition of Muslims has become like a ‘band baja party’ in a marriage procession where they (Muslims) are first asked to play music, but are made to stand outside on reaching the wedding venue: AIMIM president Asaduddin Owaisi in Kanpur (26.09) pic.twitter.com/nY61BBX7gH
— ANI UP (@ANINewsUP) September 27, 2021
ओवैसी ने आगे कहा, ‘’यूपी की जेलों में 27 फीसदी कैदी मुसलमान है। यह भारत सरकार का डेटा है। ओवैसी ने आरोप लगाया है कि चाहे मुसलमानों के सबसे ज्यादा वोट हासिल करने वाली समाजवादी पार्टी (सपा) हो या फिर सामाजिक न्याय के लिये दलित-मुस्लिम एकता की बात करने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा), किसी ने भी मुसलमानों को नेतृत्व नहीं दिया।
जनगणना 2011 के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश की आबादी में मुसलमानों की हिस्सेदारी 19.26 प्रतिशत है। ऐसा माना जाता है कि राज्य की 403 में से 82 विधानसभा क्षेत्रों में मुसलमान मतदाता निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।
गौरतलब है कि एआईएमआईएम ने उत्तर प्रदेश की 100 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। ओवैसी की पार्टी ने 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 38 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन उसे एक भी सीट नहीं मिली थी। हालांकि बिहार में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में उसे सीमांचल की पांच सीटों पर जीत हासिल हुई थी। इससे उनकी पार्टी उत्साहित है और उत्तर प्रदेश में भी कामयाबी के प्रति आश्वस्त नजर आ रही है।