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24 October 2016

सपा में घमासान जारी : ऊंट किस करवट बैठेगा, अंदाजा लगाना मुश्किल

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अपने पुत्र से असहमत मुलायम सिंह यादव ने भाई शिवपाल यादव का खुलकर बचाव किया, जिन्हें अखिलेश यादव ने अपनी कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया। सपा सुप्रीमो ने महासचिव अमर सिंह का भी बचाव किया लेकिन मुख्यमंत्री बदलने से इनकार कर दिया वहीं मुख्यमंत्री ने पद छोड़ने की पेशकश कर डाली।

राजनीतिक नौटंकी में एक मोड़ तब आया जब विधायकों, सांसदों और मंत्रियों की बैठक स्थल के अंदर और बाहर विपरीत धड़े के कार्यकर्ता एक-दूसरे से भिड़ गए। कयासबाजी को विराम देने का प्रयास करते हुए अखिलेश ने नयी पार्टी के गठन से इंकार कर दिया और कहा कि अगर मुलायम सिंह यादव कहें तो वह पद छोड़ देंगे। बैठक को संबोधित करने के दौरान अपने पिता और चाचा के समक्ष अखिलेश रो पड़े। उन्होंने कहा, नेताजी :मुलायम: जिसे ईमानदार समझे उन्हें मुख्यमंत्री बना दें। उन्होंने भावुक स्वर में कहा, मैं नई पार्टी क्यों बनाऊं।

बैठक में अखिलेश ने कहा कि इतने वर्षों तक वह लोगों के कल्याण के लिए कड़ी मेहनत करते रहे। उन्होंने कहा, मेरे पिता, मेरे गुरू हैं। मु़ख्यमंत्री ने कहा कि कई लोग कई तरह के हथकंडे अपनाकर मेरे परिवार के अंदर विभाजन का प्रयास करते रहे और वह जानते हैं कि गलत का विरोध कैसे किया जाता है। बैठक शुरू होने के काफी पहले से तनाव शुरू हो गया जब अखिलेश के युवा समर्थकों ने नेतृत्व पर मुख्यमंत्री के समर्थन में दबाव बनाना शुरू कर दिया।

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पार्टी के रजत जयंती समारोह में अखिलेश के शामिल नहीं होेने की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री ने कहा, रथ भी चले, स्थापना दिवस भी मने। अखिलेश रजत जयंती समारोह के दो दिन पहले तीन नवम्बर को रथयात्रा पर निकलेंगे जिससे कयास लगाए जाने लगे कि पार्टी में चल रही गतिविधियों से नाराजगी जताने के लिए वह समारोह में शामिल नहीं हो सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी पेंशन योजना के माध्यम से वह लोगों से जुड़े।उन्होंने कहा, लोग मेरी आलोचना करते रहे लेकिन वादों को पूरा करने के लिए मैं आगे बढ़ता रहा। क्षुब्ध अखिलेश ने वर्तमान गतिविधियों के लिए राज्यसभा सदस्य अमर सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि अमर ने संकेत दिए कि अक्तूबर में कुछ बड़े बदलाव होंगे।

मुलायम सिंह ने कहा कि पार्टी कठिन स्थिति का सामना कर रही है और पार्टी सदस्‍योंं को एक-दूसरे से नहीं लड़ना चाहिए। लेकिन उनके शब्दों का ज्यादा प्रभाव नहीं हुआ क्योंकि कार्यक्रम स्थल पर अराजकता फैल गई और मंच पर शब्द युद्ध शुरू हो गया। बैठक में पिता-पुत्रा एक-दूसरे पर चिल्लाने लगे। अमर सिंह पर हमला करने के लिए अखिलेश की निंदा करते हुए मुलायम ने कहा, अमर और शिवपाल के खिलाफ मैं कोई बात बर्दाश्त नहीं कर सकता। अमर ने मुझे जेल जाने से बचाया। मुलायम ने राज्यसभा सदस्य को अपना भाई बताते हुए कहा, अमर ने मेरी काफी सहायता की है। अगर अमर नहीं होते तो मैं जेल में होता, वह मेरे भाई की तरह हैं।

मुलायम ने कहा कि महज लाल टोपी :सपा की टोपी का रंग: पहन लेने से कोई समाजवादी नहीं बन जाता। उन्होंने कहा, कुछ मंत्री केवल चापलूस हैं। शिवपाल को जन नेता बताते हुए उन्होंने कहा, मैं शिवपाल यादव द्वारा किए गए कार्यों को नहीं भूल सकता। हम कठिन स्थिति का सामना कर रहे हैं, हमें अपनी कमजोरी दूर करनी चाहिए न कि एक-दूसरे से लड़ना चाहिए। अपने भतीजे पर पहली बार खुलकर प्रहार करते हुए शिवपाल यादव ने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने उनसे कहा था कि आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए वह नई पार्टी बनाएंगे।

उन्होंने अपने भाई से अपील की कि उत्तरप्रदेश की बागडोर अपने हाथ में ले लें। अखिलेश के इंकार करने के बाद शिवपाल ने कहा, हाल में मैं मुख्यमंत्री से मिलने गया था। उन्होंने कहा कि वह नई पार्टी बनाएंगे और कुछ दलों से गठबंधन करेंगे। कई मुद्दों पर मुख्यमंत्री के खिलाफ चल रहे शिवपाल ने कहा कि मैं गंगाजल की कसम खा सकता हूं।

पार्टी के साथ लंबे समय से काम करने का जिक्र करते हुए शिवपाल ने पार्टी प्रमुख से कहा, नेताजी उत्त्तरप्रदेश की बागडोर आपको अपने हाथ में लेने की जरूरत है। अमर सिंह का मजबूती से साथ देते हुए शिवपाल ने कहा, अमर सिंह के चरणों की धूल भी नहीं हो आप लोग। उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी भी अमर सिंह से रिश्ता नहीं तोड़ा और हर समय उनसे निजी संबंध बने रहे। माफिया डाॅन से विधायक बने मुख्तार अंसारी की पार्टी क्यूईडी का समाजवादी पार्टी में विलय पर शिवपाल ने कहा कि उन्हें :अंसारी: कभी भी पार्टी के अंदर नहीं लिया गया और इस बारे में केवल अफवाह फैलाई गई। शिवपाल ने हाल में हुए राज्यसभा चुनावों में सपा उम्मीदवारों की आसानी से जीत के लिए विपक्षी विधायकों का समर्थन हासिल करने के प्रयासों का भी जिक्र किया।

उन्होंने कहा, क्या सरकार बनाने में मेरा कोई योगदान नहीं है। क्या मेरे विभाग ने अच्छा काम नहीं किया? यहां तक कि विपक्षी दल के नेताओं ने मेरे काम की सराहना की। मुख्यमंत्राी बताएं कि मैंने कहां पर्याप्त काम नहीं किया हैै। आमंत्रित नहीं करने के बावजूद मैं मुख्यमंत्री आवास जाता रहता था।

बैठक के दौरान मंच पर शिवपाल और अखिलेश ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। नोक झोंक के बीच शिवपाल ने मुख्यमंत्री से माइक छीन ली। अखिलेश समर्थकों को झिड़कते हुए शिवपाल ने कहा कि कड़ी मेहनत और मुलायम सिंह के पसीने से पार्टी मजबूत बनी है न कि आपकी नारेबाजी से।

शिवपाल ने जब कहा कि इतने वर्षों तक वह संगठन के लिए काम करते रहे और हर जिले में तीन-चार बार दौरा करते रहे तो दर्शकों में से किसी ने कहा कि वह सरकारी हेलीकाॅप्टर से यात्रा करते थे। शिवपाल ने जवाब दिया, हेलीकाॅप्टर क्या तुम्हारे बाप का है, मैं मंत्राी था सरकार में। भाषा एजेंसी 

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TAGS: सपा, लड़ाई, मुलायम, अखिलेश, शिवपाल यादव, अमर सिंह, उत्‍तर प्रदेश, यादव परिवार, up election, sp, bsp, akhilesh yadav, amar singh, shivpal yadav, mulayam
OUTLOOK 24 October, 2016
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