कारसेवकों पर सपा सरकार में क्यों गोलियां चलवाई गईं? स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिया बड़ा बयान
अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने राम मंदिर आंदोलन के समय कारसेवकों पर गोली चलाने के तत्कालीन सपा सरकार के आदेश का बचाव किया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कासगंज में कहा कि कारसेवकों पर तत्कालीन सरकार ने संविधान और कानून की रक्षा के लिए अराजक तत्वों पर देखते ही गोली मारने के आदेश दिए थे। उस समय तत्कालीन सरकार ने अपना कर्तव्य निभाया था।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कासगंज में कहा कि कारसेवकों पर तत्कालीन सरकार ने संविधान और कानून की रक्षा के लिए अराजक तत्वों पर देखते ही गोली मारने के आदेश दिए थे। उस समय तत्कालीन सरकार ने अपना कर्तव्य निभाया था।
समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जिस समय अयोध्या में राम मंदिर पर घटना घटी थी, वहां पर बिना किसी न्यायपालिका और प्रशासनिक के आदेश के बड़े पैमाने पर आराजतक तत्वों ने तोड़फोड़ कर दी थी। इस पर तत्कालीन सरकार ने संविधान और कानून की रक्षा के लिए, अमन और चैन कायम करने के लिए गोलियां चलवाई थीं।
#WATCH | Kasganj (UP): On Ram temple, Samajwadi Party leader Swami Prasad Maurya says, "...To safeguard the constitution and the law and to protect peace, the then government gave shoot at sight orders. The government merely did its duty..." pic.twitter.com/tpYf8wdMnJ
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 10, 2024
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के आदेश से हो रहा है, न कि भाजपा सरकार के आदेश पर। उन्होंने कहा कि भाजपा आने वाले लोकसभा चुनाव में राम मंदिर निर्माण का लाभ उठाना चाहती है।
बता दें कि अब से 33 साल पहले सन् 1990 में अयोध्या के हनुमान गढ़ी जा रहे कारसेवकों पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गईं थीं। उस समय उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी, मुलायम सिंह यादव यूपी के मुख्यमंत्री थे। उन दिनों प्रशासन ने अयोध्या में कर्फ्यू लगाया हुआ था, इसके चलते श्रद्धालुओं को एंट्री नहीं दी जा रही था, लेकिन फिर भी साधु-संत अयोध्या की तरफ कूच कर रहे थे। बाबरी मस्जिद के 1.5 किलोमीटर के दायरे में पुलिस ने बैरिकेडिंग की हुई थी। इसी दौरान कारसेवकों की भीड़ बेकाबू हो गई थी।