हिंदू युवाओं को अपने धर्म और परंपराओं पर गर्व करने की आवश्यकता, धर्मांतरण पर बोले मोहन भागवत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि युवा हिंदू लड़कियों और लड़कों का धर्म रूपांतरण गलत है और उन्हें अपने धर्म और परंपराओं पर गर्व पैदा करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा "धर्मांतरण कैसे होते हैं? शादी के लिए, हिंदू लड़कियां और लड़के छोटे स्वार्थ के लिए अन्य धर्मों को कैसे अपनाते हैं? जो लोग ऐसा कर रहे हैं वे गलत हैं, लेकिन यह दूसरी बात है। क्या हम अपने बच्चों का पालन-पोषण नहीं करते हैं? संघ प्रमुख ने कहा कि हमें उन्हें ये मूल्य देने की जरूरत है।
उत्तराखंड के हल्द्वानी में रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम में भागवत ने आरएसएस कार्यकर्ताओं और उनके परिवारों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें अपने लिए, अपने धर्म और पूजा की परंपरा के प्रति सम्मान के लिए उनमें गर्व पैदा करने की जरूरत है।
उन्होंने लोगों से इस संबंध में बिना भ्रमित हुए जवाब देने का आग्रह किया। भागवत ने कहा "अगर प्रश्न आते हैं तो उनका उत्तर दें। भ्रमित न हों। हमें अपने बच्चों को तैयार करना चाहिए और इसके लिए हमें सीखने की जरूरत है।
आरएसएस प्रमुख ने पारंपरिक पारिवारिक मूल्यों और परंपराओं को संरक्षित करने के बारे में बात की। उन्होंने लोगों से भारतीय पर्यटक स्थलों का दौरा करने, घर में बने भोजन का उपभोग करने और पारंपरिक संगठनों को पहनने का आग्रह किया।
भागवत ने कहा कि भारतीय संस्कृति की जड़ों से जुड़े रहने के लिए छह 'मंत्र' हैं जिनमें भाषा, भोजन, भक्ति गीत, यात्रा, पोशाक और घर शामिल हैं। उन्होंने लोगों से पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन करने की अपील की, वहीं उन्होंने जोर देकर कहा कि अस्पृश्यता का त्याग किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, "जाति के आधार पर अंतर नहीं करते हैं। छुआछूत नहीं होनी चाहिए। समाज को नामों से धर्म का अनुमान लगाने के लिए आदत है। लोगों के भेदभाव को दिल से पूरी तरह से हटा देना चाहिए।" उन्होंने लोगों से इन मामलों पर चर्चा करने के लिए कहा, जिसमें पानी बचाने से संबंधित पर्यावरणीय मुद्दों और अधिक पौधे लगाने शामिल हैं। आरएसएस प्रमुख अंत में कहा, "जब हिंदू जागेगा, तब दुनिया जागेगी।