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17 October 2023

सनातन धर्म विवाद: उदयनिधि ने अदालत में कहा, वैचारिक मतभेद के कारण मेरे खिलाफ याचिका

प्रतीकात्मक तस्वीर

द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुम) नेता और तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने मद्रास उच्च न्यायालय से कहा है कि कथित सनातन धर्म विरोधी टिप्पणियों के आलोक में उनके सार्वजनिक पद पर बने रहने के खिलाफ याचिका वैचारिक मतभेदों के कारण है, जिसमें याचिकाकर्ता एक हिंदू दक्षिणपंथी संगठन है।

उदयनिधि का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील पी. विल्सन ने यह भी कहा कि धर्म का पालन एवं प्रचार करने वाला संविधान का अनुच्छेद 25, ‘लोगों को नास्तिकता का अभ्यास करने और प्रचार करने का अधिकार भी देता है।’वि ल्सन ने सोमवार को न्यायमूर्ति अनीता सुमंत को कहा कि अनुच्छेद 19(1)(ए) (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) और अनुच्छेद 25 स्पष्ट रूप से मंत्री के बयान के अधिकार की रक्षा करता है।

दक्षिणपंथी संगठन ‘हिंदू मुन्नानी’ ने पिछले महीने एक कार्यक्रम में सनातन धर्म के खिलाफ कथित टिप्पणियों के मद्देनजर उदयनिधि के सार्वजनिक पद पर बने रहने को चुनौती देते हुए ‘क्यो वारंटो’ दायर किया था। क्यो वारंटो या अधिकार पृच्छा वह याचिका होती है जिसमें अदालत से यह यह प्रश्न पूछने का अनुरोध किया जाता है कि किसी व्यक्ति ने कोई काम या वक्तव्य किस अधिकार या शक्ति के तहत दिया?

विल्सन ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने यह मामला इसलिए दायर किया है क्योंकि द्रमुक उनकी विचारधारा के विपरीत है और द्रविड़ विचारधारा के लिए खड़ी है तथा आत्म-सम्मान, समानता, तर्कसंगत विचार और भाईचारे की बात करती है, ‘जबकि विरोधी, संप्रदाय, जाति के आधार पर विभाजन की बात करता है।’ न्यायाधीश ने याचिकाकर्ताओं से उस कार्यक्रम का निमंत्रण (जहां उदयनिधि ने कथित तौर पर टिप्पणियां की हैं) और बैठक में भाग लेने वाले लोगों की सूची पेश करने के लिए कहा तथा 31 आगे की सुनवाई के लिए 31 अक्टूबर की तारीख तय की गई।

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TAGS: Sanatan Dharma controversy, Sanatan Dharma, Udhayanidhi stalin, Tamil nadu, assembly election
OUTLOOK 17 October, 2023
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