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11 March 2024

शरजील इमाम: हाई कोर्ट ने राजद्रोह मामले में जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा

उच्च न्यायालय ने राजद्रोह और गैरकानूनी गतिविधियों (यूएपीए) के आरोपों समेत वर्ष 2020 के सांप्रदायिक दंगों के मामले के संबंध में जमानत देने का अनुरोध करने वाले छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम की याचिका पर सोमवार को पुलिस से जवाब मांगा। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति मनोज जैन की पीठ ने इमाम की जमानत याचिका खारिज करने के निचली अदालत के आदेश के खिलाफ उसकी याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया।

आरोपी की ओर से पेश वकील ने कहा कि निचली अदालत ने उसे गलत तरीके से जमानत देने से इनकार कर दिया जबकि वह इस मामले में दोषी ठहराए जाने की सूरत में मिलने वाली अधिकतम सजा की आधी से अधिक अवधि जेल में काट चुका है। अभियोजन के अनुसार, इमाम ने 13 दिसंबर 2019 को जामिया मिलिया इस्लामिया और 16 दिसंबर 2019 को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भाषण दिए जहां उसने असम तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र को देश के बाकी हिस्सों से अलग करने की धमकी दी।

दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने इस मामले में इमाम पर मुकदमा दर्ज किया। शुरुआत में राजद्रोह के अपराध में मुकदमा दर्ज कया गया और बाद में विधि विरुद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम की धारा 13 हटा ली गयी। वह इस मामले में 28 जनवरी 2020 से हिरासत में है। इमाम ने निचली अदालत में कहा था कि वह चार साल से हिरासत में है, जबकि यूएपीए की धारा 13 के तहत इस अपराध के लिए दोषी पाए जाने पर अधिकतम सजा सात साल है।

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दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 436-ए के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति ने अपराध के लिए निर्धारित अधिकतम सजा की आधी से अधिक सजा काट ली है, तो उसे हिरासत से रिहा किया जा सकता है। निचली अदालत ने 17 फरवरी को इमाम को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा था कि अभियोजन पक्ष के मामले की सुनवाई के बाद ‘‘असाधारण परिस्थितियों’’ में किसी आरोपी की हिरासत को आगे की अवधि के लिए बढ़ाया जा सकता है।

निचली अदालत ने 2022 में इमाम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (राजद्रोह), 153ए (शत्रुता को बढ़ावा देना), 153बी (राष्ट्रीय एकता पर प्रतिकूल प्रभाव डालना वाला) और 505 (शरारत को बढ़ावा देने वाले बयान देना) और यूएपीए की धारा 13 (गैरकानूनी गतिविधियों के लिए दंड) के तहत आरोप तय किए थे। आरोपपत्र में इमाम के खिलाफ आरोपों पर गौर करते हुए अदालत ने कहा था कि उन्होंने दिल्ली, अलीगढ़, आसनसोल और चकबंद में विभिन्न भाषण दिए, जिससे लोग भड़क गए और अंततः दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक दंगे हुए। इस मामले पर अगली सुनवाई अब अप्रैल में होगी।

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TAGS: Sharjeel Imam, High Court on Sharjeel Imam, Delhi Police, bail plea in treason case of Sharjeel Imam
OUTLOOK 11 March, 2024
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