तेलंगाना चुनाव: दलों के लिए कुछ परिवारों का दर्जा ‘दूसरों से ऊपर’, एक परिवार के दो लोगों को दिए टिकट
तेलंगाना विधानसभा चुनाव में देखने में आया है कि एक ही परिवार के कई सदस्यों- जैसे भाई-बहन या पति-पत्नी को मैदान में उतारा गया है। यह परिपाटी लगभग सभी पार्टियों में देखी गयी खासकर, सत्तारूढ़ भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और विपक्षी दल कांग्रेस में। अक्सर ‘‘वंशवादी शासन’’ के आरोपों का सामना करने वाले बीआरएस की ओर से मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव इस बार गजवेल और कामारेड्डी से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उनके बेटे और बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामाराव फिर सिरसिला से चुनाव लड़ रहे हैं।
केसीआर के भतीजे एवं राज्य के वित्त एवं स्वास्थ्य मंत्री टी हरीश राव भी सिद्दिपेट सीट से फिर चुनाव लड़ रहे हैं। रामा राव ने पूर्व में कहा था कि किसी प्रमुख नेता के परिवार के सदस्यों और उनके बच्चों का राजनीति में आना कोई असामान्य बात नहीं है क्योंकि डॉक्टर और अभिनेता के बच्चे भी तो अपने माता-पिता की विरासत को अपनाते हैं।
कांग्रेस ने हुजूरनगर क्षेत्र में पार्टी सांसद एन उत्तम कुमार रेड्डी को मैदान में उतारा है, जबकि उनकी पत्नी एन पद्मावती वर्तमान विधानसभा चुनाव में कोडाद से चुनाव लड़ रही हैं। मौजूदा विधायक मयनामपल्ली हनुमंत राव फिर से हैदराबाद के मलकाजगिरी से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उनके बेटे रोहित राव मेदक सीट अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
हनुमंत राव को चुनाव लड़ने के लिए बीआरएस द्वारा फिर से नामित किया गया था। हालांकि, अपने और अपने बेटे के लिए टिकट मिलने के बाद उन्होंने बीआरएस छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गए।
कांग्रेस के लोकसभा सदस्य कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी को नलगोंडा सीट से पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया गया है, जबकि उनके भाई कोमाटिरेड्डी राज गोपाल रेड्डी अपनी किस्मत मुनुगोडे सीट से आजमा रहे हैं।
कांग्रेस की ओर से दो भाइयों को भी चुनावी मैदान में उतारा गया है। जी विवके को चेन्नूर और उनके भाई जी विनोद को बेल्लमपल्ली से टिकट दिया गया है। कांग्रेस द्वारा अपने घोषणापत्र के अनुरूप ‘एक परिवार, एक टिकट’ के संकल्प पर अमल नहीं करने को लेकर बीआरएस की ओर से उस पर लगातार निशाना साधा जा रहा है।