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18 December 2022

हिमाचल कांग्रेस में अंदरूनी कलह नहीं, 'संघर्ष' मुख्यमंत्री पद के लिए था: सुखविंदर सिंह सुक्खू

हिमाचल प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य कांग्रेस में कोई अंदरूनी कलह नहीं है और ‘‘संघर्ष’’ केवल मुख्यमंत्री पद के लिए था क्योंकि तीन-चार दावेदार थे। उन्होंने कहा कि अगर कुछ गलत होता तो यहाँ भी "राजस्थान जैसी स्थिति" होती।

उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य में कांग्रेस का कोई भी विधायक भाजपा में नहीं जाएगा और पार्टी की सरकार लोगों के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध है और पहली कैबिनेट बैठक में सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के वादे को पूरा करेगी।

पीटीआई के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, सुक्खू ने कहा, "हमने वित्त सचिव से बात की है। एक रणनीति के तहत हम जानते हैं कि हमें कहां से पैसा बनाना है और हमें कहां निवेश करना है। हमने पुरानी पेंशन योजना शुरू करने पर काम किया है और  हम इसे पहली कैबिनेट बैठक में पेश करेंगे।"

अपने मंत्रिमंडल के विस्तार के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि यह जल्द ही होगा और कुछ विधायकों द्वारा मंत्री पद के लिए पैरवी करने की खबरों का खंडन किया। बता दें कि पहाड़ी राज्य में 68 विधानसभा सीटों में से 40 सीटें जीतकर कांग्रेस ने भाजपा से सत्ता छीन ली, जिसके बाद पार्टी ने राज्य पार्टी प्रमुख प्रतिभा सिंह और मुकेश अग्निहोत्री सहित राज्य के पार्टी प्रमुख प्रतिभा सिंह और मुकेश अग्निहोत्री सहित कुछ अन्य दावेदारों के मुकाबले 58 वर्षीय सुक्खू को मुख्यमंत्री के रूप में चुना।

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हमीरपुर जिले के नादौन से चार बार के विधायक और एक बस ड्राइवर के बेटे सुक्खू ने 11 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। अग्निहोत्री ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस की प्रदेश इकाई में अंदरूनी कलह की खबरों को खारिज किया, लेकिन स्वीकार किया कि मुख्यमंत्री पद के लिए होड़ मची हुई थी।

उन्होंने कहा, "संघर्ष पद के लिए था, यह पार्टी का संघर्ष नहीं है। तीन-चार लोग मुख्यमंत्री पद के लिए तैयार थे। आप देख सकते हैं कि हमने अब तक मंत्रिमंडल विस्तार नहीं किया है। अगर कुछ गलत होता, तो राजस्थान जैसी स्थिति होती।"  गौरतलब है कि राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को 2020 में उनके तत्कालीन डिप्टी और राज्य पार्टी अध्यक्ष सचिन पायलट और कुछ अन्य विधायकों द्वारा विद्रोह का सामना करना पड़ा था।

सुक्खू ने विपक्षी भाजपा पर इन खबरों को लेकर निशाना साधा कि कांग्रेस के कुछ विधायक उससे हाथ मिला सकते हैं। उन्होंने कहा, "कांग्रेस का कोई सदस्य पार्टी नहीं छोड़ेगा।"
उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों ने भाजपा के कुशासन के खिलाफ मतदान किया। उन्होंने कहा कि देश बेरोजगारी और महंगाई जैसे विभिन्न मुद्दों का सामना कर रहा है, लेकिन भाजपा राहुल गांधी के भाषण का मजाक बनाने सहित विभिन्न हथकंडों का इस्तेमाल कर लोगों का ध्यान मुख्य मुद्दे से हटाने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने राहुल गांधी के नेतृत्व वाली भारत जोड़ो यात्रा की सराहना की और कहा कि पैदल मार्च का उद्देश्य लोगों को एकजुट करना और धर्म और जाति के नाम पर समाज में फैलाई जा रही नफरत को दूर करना है। सुक्खू ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पार्टी की जीत का श्रेय दिया और प्रभावी प्रचार रणनीति तैयार करने के लिए पार्टी नेता प्रियंका गांधी वाड्रा की प्रशंसा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार लोगों के कल्याण के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध है और 12 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में लोगों से किए गए 10 वादों को पूरा करेगी। चुनाव के नतीजे 8 दिसंबर को घोषित किए गए थे। अपने घोषणापत्र में, कांग्रेस ने पुरानी पेंशन योजना, 30 यूनिट मुफ्त बिजली और 10 करोड़ रुपये के 'स्टार्टअप फंड' को प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में लागू करने का वादा किया था।  

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TAGS: Himachal Pradesh, Himachal Pradesh election, Sukhwinder Singh, Bharat Jodo Yatra, BJP, Rahul Gandhi, Narendra Modi
OUTLOOK 18 December, 2022
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