बीजेपी को हराने के लिए क्या ममता मानेंगी ये शर्त, कांग्रेस ने चल दी बड़ी चाल
पश्चिम बंगाल में कुछ महीनों के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनावी मैदान में बीजेपी आक्रामक तरीके से सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पार्टी को चुनौती देती दिख रही है। लिहाजा टीएमसी ने वाम मोर्चा और कांग्रेस से भाजपा की ''सांप्रदायिक एवं विभाजनकारी राजनीति'' के खिलाफ लड़ाई में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का साथ देने की अपील की। टीएमसी के प्रस्ताव पर कांग्रेस ने कहा है कि अगर ममता बनर्जी भाजपा के खिलाफ लड़ने को इच्छुक हैं तो उन्हें कांग्रेस में शामिल हो जाना चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस के प्रस्ताव पर राज्य कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी ने प्रदेश में भाजपा के मजबूत होने के लिए टीएमसी को जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा, ''हमें तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन में कोई दिलचस्पी नहीं है। पिछले 10 सालों से हमारे विधायकों को खरीदने के बाद तृणमूल कांग्रेस को अब गठबंधन में दिलचस्पी क्यों है। अगर ममता बनर्जी भाजपा के खिलाफ लड़ने को इच्छुक हैं तो उन्हें कांग्रेस में शामिल हो जाना चाहिए क्योंकि वही सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई का एकमात्र देशव्यापी मंच है।''
गौरतलब है कि बुधवार को भाजपा को सांप्रदायिक एवं विभाजनकारी राजनीतिक दल करार देते हुए वाम दल और कांग्रेस से इसके खिलाफ लड़ाई में सीएम ममता बनर्जी का साथ देने की अपील की।
राज्य की 294 विधानसभा सीटों पर अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं। इसको लेकर पार्टी नेता और सांसद सौगत रॉय ने कहा, ‘‘यदि लेफ्ट और कांग्रेस वास्तव में भाजपा के खिलाफ हैं तो उन्हें भगवा दल की सांप्रदायिक एवं विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ लड़ाई में ममता बनर्जी का साथ देना चाहिए।’’ आगे टीएमसी नेता सौगत रॉय ने कहा कि ममता बनर्जी ही ‘‘भाजपा के खिलाफ धर्मनिरपेक्ष राजनीति का असली चेहरा’’ हैं। सौगत रॉय ने दावा कि केंद्र में बीजेपी सरकार द्वारा शुरू की गई एक भी योजनाएं सफल नहीं हुई है।