Advertisement
19 September 2021

जब कैप्टन अमरिंदर पर नाराज हुए थे राहुल, तब सोनिया ने उन्हें कही थी ये बात

पीटीआई

पंजाब कांग्रेस में भारी उथल-पुथल के बीच कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब का मुख्यमंत्री पद त्याग दिया है, लेकिन इससे पहले उन्होंने आलाकमान को यह जानकारी दे दी थी कि वे पार्टी में अपमानित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने अपने विकल्प खुले रखे हैं। जिसके बाद अटकले हैं कि अमरिंदर अब या तो भाजपा ज्वाइन कर सकते हैं या फिर अपनी नई पार्टी बना सकते हैं। हालांकि यह पहली बार नहीं है कि उनके द्वारा पार्टी बनाने की चर्चा की गई हो। पहले भी वे कई बार अपने आप को अपमानित महसूस कर ऐसा करने का निर्णय कर चुके हैं।

वर्ष 1992 में भी इस बात की चर्चा थी कि कैप्टन अपनी पार्टी बनाएंगे। उसके बाद 2015 में भी ऐसी बात उठी थी, जब कांग्रेस में वे अपमानित महसूस कर रहे थे। कैप्टन की बायोग्राफी 'द पीपुल्स महाराजा' में वरिष्ठ पत्रकार खुशवंत सिंह ने उन घटना का जिक्र किया है, जब कैप्टन कांग्रेस पार्टी में खुद को अपमानित महसूस कर रहे थे।

सिंह ने लिखा है, "पंजाब कांग्रेस में गतिरोध को समाप्त कराने की कोशिश में सितंबर 2015 के अंत में अमरिंदर सिंह नई दिल्ली में 10 जनपथ में एक मीटिंग में पहुंचे थे। तब कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने उन्हें कोई सम्मान नहीं दिया था। इससे अमरिंदर सिंह काफी आहत हुए थे। कैप्टन के चेहरे का भाव पढ़कर बैठक में ही अब सोनिया गांधी ने राहुल गांधी को याद दिलाया था कि ये मत भूलो कि तुम अपने दिवंगत पिता के खास मित्र से बात कर रहे हो। इसके बाद राहुल शांत हो गए थे।"

Advertisement

राहुल गांधी के इस प्रकार के बर्ताव से अमरिंदर बहुत आहत हुए थे। उन्होंने उस वक्त जाने-माने पत्रकार सागरिका घोष को दिए एक साक्षात्कार में इस पर टिप्पणी भी की थी कि राहुल गांधी को 'रियलिटी की जांच' करने की आवश्यकता है। तब आहत कैप्टन ने संकेत दे दिए थे कि वह जल्द ही अपना मोर्चा बना सकते हैं, लेकिन सोनिया गांधी के हस्तक्षेप के बाद यह पूरा मामला शांत हो गया था।

अमरिंदर सिंह की उस किताब में वर्ष 2014 का भी जिक्र है जब कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में अमरिंदर सिंह को अमृतसर से अरुण जेटली के खिलाफ उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वह उत्साहहीन मन से चुनाव मैदान में थे। किताब में कहा गया है, "जब अमरिंदर सिंह दिल्ली से चंडीगढ़ लौट रहे थे और पानीपत के करीब थे, तभी सोनिया गांधी का फोन गया था जिसमें उन्होंने भावुक अंदाज में कैप्टन से पूछा था कि क्या आप मेरे लिए यह लड़ाई लड़ सकते हैं? "

ये भी पढ़ें - पंजाब: आज फिर होगी कांग्रेस विधायक दल की बैठक, हो सकता है नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान, रेस में हैं ये चेहरे

 

किताब में कहा गया कि सोनिया गांधी के अलावा उनकी बेटी प्रियंका गांधी ने भी अमरिंदर सिंह से बात की थी। प्रियंका ने कहा, 'अंकल, मैं चाहती हूं कि आप अमृतसर से लड़ें।' तब प्रियंका ने कैप्टन से उनसे और उनके पिता (दिवंगत राजीव गांधी) के बीच पुराने वक्त के पारिवारिक संबंध को उजागर करते हुए ये अनुरोध किया था। इसके बाद अमरिंदर सिंह में जोश भर गया था। जिसके बाद अमरिंदर सिंह 28 मार्च, 2014 को अमृतसर पहुंचकर बड़ी पार्टी दी और जीत की रूपरेखा तैयार की। इस चुनाव में उन्होंने अरुण जेटली को करीब एक लाख वोटों के अंतराल से हराया था।

 

ये भी पढ़ें - पंजाब: कैप्टन अमरिंदर की अग्नि परीक्षा आज, आलाकमान ने बुलाई कांग्रेस विधायक दल की बैठक

बता दें कि राजीव गांधी और अमरिंदर सिंह दोनों बहुत अच्छे मित्र थे। दोनों ने दून स्कूल में एकसाथ पढ़ाई की थी। राजीव गांधी के कारण ही अमरिंदर सिंह की कांग्रेस में एंट्री हुई थी।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: राहुल गांधी, कैप्टन अमरिंदर, कांग्रेस में कलह, पंजाब कांग्रेस, पंजाब राजनीति, राजीव गांधी, अमरिंदर और राजीव गांधी, Rahul Gandhi, Captain Amarinder, Discord in Congress, Punjab Congress, Punjab Politics, Rajiv Gandhi, Amarinder and Rajiv Gandhi
OUTLOOK 19 September, 2021
Advertisement