यूपी चुनाव: कौन है गुलशन यादव, जो कुंडा से राजा भैया के लिए बने बड़ी चुनौती
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की कुंडा सीट पर निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के सामने समाजवादी पार्टी (सपा) ने गुलशन यादव को उम्मीदवार के रुप में मैदान में उतारा है। गुलशन यादव किसी जमाने में राजा भैया के करीबी हुआ करते थे। लेकिन, अब सियासी सफर में दोनों का आमना-सामना होने जा रहा है। कुंडा 6 बार के निर्दलीय विधायक राजा भैया का गढ़ है। 2017 और 2012 में सपा ने कुंडा से कोई प्रत्याशी नहीं उतारा था।
अखिलेश सरकार के दौरान राजा भैया उनकी कैबिनेट का जरूरी भाग हुआ करते थे। इससे पहले मुलायम सिंह की सरकार में भी राजा का दबदबा कायम था। 2017 में सपा के सत्ता से खिसकते ही उनके रिश्तों को नजर लग गई। ऐसे में अब माना जा रहा है कि अखिलेश यादव ने 2022 के विधानसभा चुनाव में राजा भैया को सियासी सबक सिखाने की तैयारी कर ली है।
कौन हैं गुलशन यादव?
सपा ने प्रतापगढ़ जिले के कुंडा विधानसभा क्षेत्र से गुलशन यादव को अपना उम्मीदवार बनाया है। उनका जन्म प्रतापगढ़ जिले के कुंडा के मऊदारा ग्रामसभा में हुआ है। गुलशन के पिता का नाम सुंदर लाल यादव है और वो तीन भाई है। छोटे भाई छविनाथ यादव समाजवादी पार्टी के प्रतापगढ़ के जिला अध्यक्ष हैं। गुलशन यादव ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत राजा भैया के सानिध्य में की थी।
लगभग दो दशक पहले मायावती सरकार में राजा भैया पर 'पोटा' लगाया गया था। इसके गवाह राजेंद्र यादव थे। राजेंद्र यादव की हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद गुलशन यादव जेल गए थे। चर्चाओं के बाद सपा सरकार में जेल से छूटकर बाहर आए गुलशन यादव विधायक राजा भैया के करीबी बन गए। यहीं से गुलशन यादव ने सियासती मैदान में कदम रखा और पहली बार मऊदारा के ग्रामप्रधान बने।
प्रधान बनने के बाद गुलशन यादव ने कभी सियासत में मुड़कर नहीं देखा। 2011 में कुंडा नगर पंचायत का चेयरमैन बनने में कामयाब रहे। इसके बाद 2017 में गुलशन यादव जेल में रहते हुए कुंडा नगर पंचायत के चेयरमैन पद के चुनाव में अपनी पत्नी सीमा यादव को राजा भैया के प्रत्याशी के खिलाफ खड़ा कर जिताने में कामयाब रहे।
सपा सरकार के दौरान पुलिस डीएपी जियाउल हक की हत्या मामले में राजा भैया के साथ गुलशन यादव का भी नाम जुड़ा था। इसके बाद कुंडा में राजा की करीबी पुष्पेंद्र सिंह पर जानलेवा हमले के मामले में गुलशन यादव को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में वह 4 साल कर जेल में कैद रहे थे।
गुलशन यादव के भाई छविनाथ सपा के जिला अध्यक्ष हैं। गुलशन की मां मऊदारा से ग्राम प्रधान हैं। भाई छविनाथ करेटी गांव से प्रधान है। मऊदारा गांव के आसपास इलाके में गुलशन यादव के नाम का डंका बजता है। ऐसे में राजा भैया ने सपा से अलग होकर जनसत्ता पार्टी बनाई तो गुलशन यादव और छविनाथ यादव ने सपा में ही रहने का फैसला किया।