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09 February 2025

क्यों दिल्ली का 'दिल' नहीं जीत पा रही है कांग्रेस? ये हैं हार की 5 बड़ी वजहें

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में कांग्रेस को एक बार फिर करारी हार का सामना करना पड़ा। आम आदमी पार्टी (AAP) ने लगातार चौथी बार सत्ता बरकरार रखी, जबकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भी अपना वोट शेयर बढ़ाने में सफलता हासिल की। लेकिन कांग्रेस, जो कभी दिल्ली की राजनीति की धुरी हुआ करती थी, इस बार भी हाशिए पर ही रही। सवाल उठता है कि आखिर कांग्रेस क्यों लगातार दिल्ली में अप्रासंगिक होती जा रही है?

1. सांगठनिक कमजोरी और नेतृत्व संकट

कांग्रेस की हार का सबसे बड़ा कारण पार्टी के भीतर मजबूत संगठन और प्रभावी नेतृत्व की कमी है। 2013 में शीला दीक्षित के नेतृत्व में कांग्रेस ने आखिरी बार दिल्ली की सत्ता संभाली थी, लेकिन उनके जाने के बाद पार्टी में कोई ऐसा चेहरा नहीं उभर पाया, जो जनता को प्रभावित कर सके। अरविंद केजरीवाल और नरेंद्र मोदी जैसे दमदार नेताओं के सामने कांग्रेस के पास कोई करिश्माई नेता नहीं है, जो मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित कर सके।

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2. जमीनी कार्यकर्ताओं का अभाव

AAP और BJP के कार्यकर्ता पिछले कई वर्षों से जमीनी स्तर पर लगातार काम कर रहे हैं। बीजेपी अपने कैडर-बेस संगठन और हिंदुत्व की राजनीति के सहारे मजबूत बनी हुई है, जबकि AAP ने मुफ्त बिजली-पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य योजनाओं के जरिए दिल्ली के मतदाताओं में गहरी पकड़ बना ली है। इसके उलट, कांग्रेस का संगठन धीरे-धीरे कमजोर होता गया, जिससे पार्टी का जनसंपर्क भी खत्म हो गया।

3. मुस्लिम और युवा वोट बैंक में गिरावट

कांग्रेस का पारंपरिक मुस्लिम वोट बैंक अब AAP की ओर शिफ्ट हो चुका है। AAP ने न केवल मुस्लिम समुदाय को अपने कल्याणकारी एजेंडे से जोड़ा, बल्कि स्थानीय स्तर पर भी उनकी भागीदारी बढ़ाई। दूसरी ओर, बीजेपी ने हिंदू वोटरों का ध्रुवीकरण कर अपने कोर वोट बैंक को मजबूती दी। वहीं, युवा मतदाता भी कांग्रेस से दूर हो चुके हैं क्योंकि उन्हें पार्टी में कोई ठोस विजन नहीं दिखता।

4. मुद्दों पर कमजोर पकड़

दिल्ली में चुनाव मुख्य रूप से विकास और कल्याणकारी योजनाओं के इर्द-गिर्द लड़ा जाता है। AAP ने सरकारी स्कूलों, मोहल्ला क्लीनिक, मुफ्त बिजली-पानी जैसी योजनाओं से जनता का भरोसा बनाए रखा, जबकि बीजेपी ने मोदी सरकार की नीतियों, राष्ट्रवाद और हिंदुत्व को केंद्र में रखा। कांग्रेस के पास ऐसा कोई ठोस एजेंडा नहीं था, जिससे वह मतदाताओं को प्रभावित कर सके। पार्टी की चुनावी रणनीति भी दिशाहीन रही।

5. AAP और BJP के बीच फंसी कांग्रेस

दिल्ली की राजनीति अब AAP और BJP के बीच सीधी टक्कर में बदल चुकी है। कांग्रेस इस द्वंद्व में पूरी तरह अप्रासंगिक होती जा रही है। वोटरों को लगता है कि अगर उन्हें बीजेपी को हराना है, तो AAP ही एकमात्र विकल्प है। इसी रणनीतिक सोच के चलते कांग्रेस को लगातार नुकसान होता रहा।

भविष्य की राह

लगातार हो रही हार के बावजूद कांग्रेस के लिए वापसी असंभव नहीं है, लेकिन इसके लिए पार्टी को नए नेतृत्व, बेहतर संगठन और स्पष्ट चुनावी रणनीति की जरूरत होगी। पार्टी को जमीनी स्तर पर फिर से जुड़ना होगा और एक ऐसा विजन प्रस्तुत करना होगा, जो मतदाताओं को आकर्षित कर सके। वरना, दिल्ली में कांग्रेस की प्रासंगिकता पूरी तरह खत्म हो सकती है।

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TAGS: Congress, Delhi Assembly Elections 2025, Aam Aadmi Party, BJP, Arvind Kejriwal, Narendra Modi, vote bank, Muslim voters, free electricity-water, Sheila Dikshit, political decline, organizational weakness, youth voters, Hindutva, election strategy, reason for defeat
OUTLOOK 09 February, 2025
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