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17 July 2024

क्या इमरान खान की पार्टी पर लगेगा प्रतिबंध? आलोचना के बाद असमंजस में पाकिस्तानी सरकार

पाकिस्तान की सत्तारूढ़ पीएमएल-एन पार्टी असमंजस में है क्योंकि इसके नेताओं ने जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर मिले-जुले संकेत दिए हैं. इस कदम की पार्टी के दोस्तों और दुश्मनों दोनों ने आलोचना की है. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के वरिष्ठ नेता या तो इस फैसले को सही ठहराने की कोशिश कर रहे हैं या फिर यह कहकर बच रहे हैं कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी पर प्रतिबंध लगाने पर अंतिम फैसला अभी नहीं हुआ है. पार्टी में दरारें भी साफ दिख रही है क्योंकि एक वरिष्ठ नेता ने इस फैसले का विरोध किया है. पाकिस्तान सरकार ने सोमवार को अवैध रूप से विदेशी धन प्राप्त करने, दंगों में शामिल होने और ‘‘राष्ट्र विरोधी” गतिविधियों में संलिप्तता के आरोपों पर पीटीआई पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था. सरकार ने 71 वर्षीय इमरान खान के साथ-साथ 74 वर्षीय पूर्व राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और अन्य पर देशद्रोह के आरोप लगाने की भी धमकी दी है. ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार की बुधवार की खबर के मुताबिक, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के एक सदस्य ने दावा किया है कि पीटीआई नेताओं पर अनुच्छेद छह के तहत देशद्रोह का मुकदमा चलाने के लिए मामला पहले ही उच्चतम न्यायालय भेज दिया गया है.

दूसरी ओर एक अन्य सदस्य ने कहा कि इस मामले को विचार-विमर्श के बाद संसद में ले जाया जाएगा. इसके अलावा, उप प्रधानमंत्री इसहाक डार ने कहा कि अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है, जिससे सभी असमंजस की स्थिति में हैं. रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अपने गृहनगर सियालकोट में एक प्रेस वार्ता में पार्टी पर प्रतिबंध को सही ठहराने की कोशिश की. उन्होंने फैसले का बचाव किया, लेकिन कहा कि सभी सहयोगी दलों से सलाह-मशविरे के बाद इस फैसले को संसद में रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने पीटीआई पर प्रतिबंध लगाने के बारे में चर्चा शुरू की थी. आसिफ ने कहा, “हालांकि, अंतिम निर्णय सरकार के राजनीतिक सहयोगियों के साथ सलाह-मशविरे के बाद ही लिया जाएगा.” डार ने एक अलग रुख सामने रखा. उन्होंने लाहौर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि पार्टी ने अब तक पीटीआई पर प्रतिबंध लगाने का कोई फैसला नहीं किया है. उन्होंने कहा कि इस तरह के फैसले पर पहले पार्टी नेतृत्व द्वारा विचार-विमर्श किया जाएगा और फिर गठबंधन सहयोगियों के साथ चर्चा की जाएगी.

उन्होंने कहा, "हमें अपने नेतृत्व और सहयोगियों से परामर्श करने की आवश्यकता है. पीटीआई पर प्रतिबंध लगाने का कोई भी निर्णय कानून और संविधान के अनुसार लिया जाएगा. 

भ्रम की स्थिति को और बढ़ाते हुए पीएमएल-एन के एक अन्य नेता तलाल चौधरी ने एक निजी टीवी चैनल पर कहा कि पीटीआई नेताओं के खिलाफ राष्ट्र द्रोह संबंधी शिकायत उच्चतम न्यायालय को भेजी गयी है, जहां इस मामले पर फैसला होगा. पीएमएल-एन के कुछ लोग पीटीआई दल पर प्रतिबंध के पक्ष में नहीं हैं, जो पार्टी के भीतर मतभेदों तथा ऐलान से पहले ठीक से सलाह-मशविरा नहीं करने को दर्शाता है. पीएमएल-एन के वरिष्ठ नेता एवं नवाज शरीफ खेमे के करीबी मियां जावेद लतीफ ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि किसी राजनीतिक पार्टी पर प्रतिबंध लगाना कोई व्यावहारिक समाधान नहीं है. उन्होंने कहा, “राष्ट्रीय राजनीतिक दल एक परिसंपत्ति हैं और उन्हें कमजोर करना देश के हित में नहीं है.” पीएमएल-एन के एक अन्य वरिष्ठ नेता और पूर्व संघीय मंत्री खुर्रम दस्तगीर खान ने भी इस फैसले का विरोध किया और कहा कि राजनीतिक दलों से प्रतिबंध और कानूनी कार्यवाही के बजाय राजनीतिक क्षेत्र में ही लड़ा जाना चाहिए. वहीं, ‘डॉन’ अखबार की खबर के मुताबिक, यह साफ नहीं है कि पीएमएल-एन के अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पीटीआई दल पर प्रतिबंध लगाने के फैसले के पीछे पूरी तरह से हैं या नहीं और पार्टी भी इस पर चुप है.

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शरीफ परिवार के एक करीबी सूत्र ने मंगलवार को ‘डॉन’ को बताया, “नवाज शरीफ ने अनिच्छा से पीटीआई पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की है क्योंकि उन्हें बताया गया था कि उनके छोटे भाई की सरकार को यह करना पड़ेगा.“ उन्होंने कहा कि नवाज शरीफ ने इस मामले पर चर्चा करने के लिए नेताओं के एक चुनिंदा समूह के साथ बैठक की थी और पार्टी के कानूनी विशेषज्ञों ने उन्हें सलाह दी थी कि पीटीआई पर प्रतिबंध लगाने का सरकार का फैसला उच्चतम न्यायालय में टिक नहीं पाएगा और अंतिम निर्णय लेने से पहले इस पर दोबारा विचार किया जाना चाहिए. पीएमएल-एन की प्रमुख सहयोगी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) का रुख भी भ्रम की स्थिति और बढ़ा रहा है. जाहिर है, पार्टी पीटीआई पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर सैद्धांतिक रुख अपनाने से परहेज करके इससे बचने की कोशिश कर रही है. हालांकि, अन्य गठबंधन सहयोगी, पाकिस्तान मुस्लिम लीग-कायद (पीएमएल-क्यू) ने सरकार को संयम बरतने की सलाह दी है.

 

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TAGS: Pakistan government, Imran Khan party ban, Tehreek Insaaf, PTI, Shahbaaz Shareef, Pakistan political situation
OUTLOOK 17 July, 2024
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