बेदी के 42 साल बाद अश्विन नंबर वन टेस्ट गेंदबाज
इस साल अश्विन ने नौ टेस्ट मैचों में 62 विकेट लिए। इनमें से 31 विकेट उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ महज चार टेस्ट मैचों में हासिल किए। इससे पहले भारतीय गेंदबाज बिशन सिंह बेदी पहले भारत के पहले गेंदबाज थे जिन्हें 1973 में आईसीसी हाल ऑफ फेम ने साल का नंबर एक गेंदबाज घोषित किया था। भगवत चंद्रशेखर, कपिल देव और अनिल कुंबले अपने करियर के दौरान दूसरे स्थान पर रहे थे।
यही नहीं अश्विन टेस्ट आलराउंडरों की सूची में भी नंबर एक पर रहे। यह पिछले तीन सालों में दूसरा अवसर है जब अश्विन आलराउंडरों में शीर्ष पर रहे। अश्विन अपने करियर में पहली बार नंबर एक के स्थान पर पहुंचे हैं। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के डेल स्टेन को पीछे छोड़ा है जो चोटिल होने के कारण इंग्लैंड के खिलाफ दूसरी पारी में केवल 3.5 ओवर गेंदबाजी ही कर पाए थे। स्टेन डरबन टेस्ट से पहले अश्विन से चार अंक आगे थे और अब वह भारतीय ऑफ स्पिनर से इतने ही अंक पीछे हो गए हैं। इस तेज गेंदबाज ने हालांकि पहली पारी में चार विकेट लिए थे लेकिन 2009 के बाद लगातार छठे वर्ष नंबर एक पर काबिज रहने के लिए यह पर्याप्त नहीं था। अश्विन ने साल की शुरूआत 15वें नंबर से की थी लेकिन इसके बाद वह धीरे-धीरे उपर चढ़ते गए।
अश्विन ने इस खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, पिछले 12 महीने के प्रदर्शन के बाद वर्ष का अंत नंबर एक टेस्ट गेंदबाज के रूप में करना सोने पर सुहागा जैसा है। मैं एक दिन नंबर एक बनना चाहता था। वर्ष 2015 की समाप्ति इससे बेहतर तरीके से नहीं की जा सकती थी। उन्होंने कहा, बेदी ने जो कुछ किया था वह हासिल करने पर मुझे गर्व है। पूर्व भारतीय कप्तान अपनी गेंदबाजी कला में माहिर थे और मुझे खुशी है कि मैं उनके नक्शेकदम पर चल रहा हूं। मैं अपने टेस्ट कप्तान विराट कोहली, टीम प्रबंधन, टीम के मेरे साथियों और बीसीसीआई का सहयोग बनाए रखने के लिए आभार व्यक्त करता हूं। रविंद्र जडेजा ने भी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन किया था वह साल के आखिर में छठे स्थान पर रहे। अश्विन और जडेजा ही दो भारतीय गेंदबाज हैं जो टेस्ट गेंदबाजों में शीर्ष दस में शामिल हैं।