Advertisement
18 December 2014

कुंद पड़ा पांच दिग्‍गजों का क्रिकेट पंच

सन 2011 का विश्व कप जीतने के ठीक बाद ही भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की पहली प्रतिक्रिया थी, ‘अब हमें यह अध्याय समेटना होगा। हमें एक बार फिर नए सिरे से टीम बनाने की जरूरत है।’ साफ संकेत था कि औसत प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों की जगह नए जज्बे और तकनीकी कुशलता से लैस युवा खिलाड़ियों के लिए अवसर बढ़ेंगे। क्रिकेट की बदलती तकनीक और व्यापक होती सीमाओं के बीच विश्व कप-2015 के लिए यदि पूर्व विश्व विजेता टीम के सूरमा किरदारों को दरकिनार कर दिया गया है तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए। वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, युवराज सिंह, जहीर खान, हरभजन सिंह और आशीष नेहरा को 30 खिलाड़ियों की सूची में जगह नहीं मिलने की खबर मीडिया से लेकर क्रिकेट विशेषज्ञों के बीच खूब उछाली गई लेकिन जम्मू-कश्मीर की टीम ने जब 40 बार रणजी ट्रॉफी विजेता टीम मुंबई को हराकर इतिहास रचा तो कई अखबारों के लिए यह खबर तक नहीं बनी। यह बानगी और बदलाव इसी बात की तस्दीक करता है कि क्रिकेट में अब किसी क्षेत्र या अच्छे रिकॉर्डधारी व्यक्ति विशेष का वर्चस्व नहीं रह गया है।
भारतीय क्रिकेट टीम की 30 खिलाड़ियों की सूची से उन्हीं खिलाड़ियों को अलग रखा गया है जिन्हें 2003 से लेकर 2011 तक खेलने का मौका मिला था और विश्व कप जीतने के साथ ही अब उनका अभियान समाप्त हो चुका है। हालांकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के नियमों के मुताबिक, विश्व कप अभियान में ऐसे खिलाड़ी भी शामिल हो सकते हैं जो सूची से बाहर हैं। कुछ अच्छे खिलाड़ियों की अनदेखी और कुछ बिल्कुल नए खिलाड़ियों के चयन ने क्रिकेट पंडितों को चौंकाया जरूर है लेकिन इस सूची में यदि उन खिलाड़ियों को भी शामिल किया गया है जिनकी किस्मत मुद्गल समिति की रिपोर्ट के लिफाफे में बंद है तो फिर विरोध उठना लाजिमी है। चयनकर्ताओं ने विश्व विजेता टीम के जिन पांच खिलाड़ियों को सूची में जगह नहीं दी है तो इसकी सबसे बड़ी वजह उनकी उम्र, हाल के दिनों की फिटनेस और प्रदर्शन ही है। वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर पहले से एक और विश्व कप खेलने की मंशा जता चुके हैं लेकिन 36 वर्षीय सहवाग को समझना चाहिए कि अब वह न तो युवा हैं और न ही फॉर्म में हैं। उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में दिल्ली की तरफ से छह मैचों में 21.83 के औसत से सिर्फ 131 रन बनाए हैं। यही हाल गंभीर का है और वह 33.33 की औसत से सिर्फ 200 रन ही बना पाए हैं। दोनों को देवधर ट्रॉफी के लिए उत्तरी क्षेत्र में जगह नहीं मिली। हरभजन सिंह की फिरकी गेंदबाजी की धार लंबे समय से कुंद पड़ी है जबकि विश्व कप-2011 के महानायक युवराज सिंह भी इसके बाद घरेलू क्रिकेट में कोई खास पहचान नहीं बना पाए हैं। जहीर खान फिटनेस की दिक्कतों से जूझ रहे हैं। इसके अलावा आशीष नेहरा, मुनफ पटेल, पीयूष चावला, उन्मुक्त चंद और चेतेश्वर पुजारा को संभावित सूची में शामिल नहीं करने का कारण भी फिटनेस या खराब फॉर्म या नापसंदगी ही है। इस मामले में नमन ओझा दुर्भाज्यशाली रहे जिनकी भारत ‘ए’ टीम के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद अनदेखी की गई है। इस सूची में विश्व विजेता टीम के खिलाड़ियों में सिर्फ धोनी, विराट कोहली, आर. अश्विन और सुरेश रैना ही रह गए हैं। संभावित 30 खिलाड़ियों की सूची कप्तान धोनी की पसंद से प्रभावित लगती है जो किसी खिलाड़ी के चयन पर अपनी बेबाक राय देते हैं। पांच दिज्गज खिलाड़ियों को नहीं चुनने के पीछे चयनकर्ता यदि उनके विदेशी धरती पर प्रदर्शन को लेकर आशंका रखते हैं तो क्रिकेट पंडितों के लिए यह जरूर बहस का मुद्दा बन सकता है। इन पांचों खिलाड़ियों 2014 में एक भी एकदिवसीय मैच नहीं खेला है।
चयनकर्ताओं ने विश्व कप बरकरार रखने के मकसद से उन्हीं खिलाड़ियों को तवज्जो दी है जो प्रतिभावान, युवा और जीत के जुनूनी हैं और जिन्होंने पिछले साल की चैंपियन ट्रॉफी में उम्दा प्रदर्शन किया है। घरेलू प्रतियोगिताओं में बाएं हाथ के चायनामैन कुलदीप यादव, मनीष पांडेय, मनोज तिवारी और केदार जाधव के अच्छे प्रदर्शन का ख्याल रखा गया है। लेकिन अगले तीन हफ्तों तक इन खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा साबित करनी होगी ताकि वे अंतिम 15 खिलाड़ियों में जगह बना सके। संदीप पाटील के नेतृत्व में पांच चयनकर्ताओं की टीम ने संभावित सूची में संजू सैमसन, कुलदीप यादव, अशोक डिंडा, मुरली विजय और परवेज रसूल को शामिल कर चौंकाया जरूर है लेकिन ये सभी शायद ही अंतिम 15 खिलाड़ियों में जगह बना सकें। चयनकर्ताओं की बैठक के बाद बीसीसीआई के सचिव संजय पटेल ने 30 खिलाड़ियों का एलान करते हुए कहा कि समिति ने वरिष्ठ खिलाड़ियों के नामों पर भी विचार किया लेकिन युवा खिलाड़यों का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है इसलिए उनकी अनदेखी नहीं की जा सकती। संभावित सूची के लिए कप्तान की राय को भी तरजीह दी गई है। जनवरी के पहले हफ्ते में अंतिम 15 खिलाड़ियों का चयन किया जाएगा। हालांकि उन्होंने यह भी संकेत दिया है कि इन्हीं 30 में से 15 खिलाड़ियों का चयन होगा, अगर इनमें से कोई चोटिल नहीं होता है। उन्होंने कहा, ‘चयनकर्ताओं ने प्रत्येक खिलाड़ी के प्रदर्शन के आधार पर ही विचार किया है। युवा खिलाड़ियों ने घरेलू स्तर पर बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है इसलिए मैं इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से युवराज या सहवाग की विदाई हो चुकी है या नहीं। मुझे लगता है कि इस चयन प्रक्रिया में विश्व कप के बाद भी भारतीय क्रिकेट के भविष्य का ख्याल रखा गया है और इसलिए हमने ज्यादा से ज्यादा युवाओं को ही मौका दिया है।’
संभावित 30 खिलाड़ियों की सूची में कप्तान धोनी, उपकप्तान विराट कोहली के अलावा 10 विशेषज्ञ बल्लेबाज, चार विकेटकीपर-बल्लेबाज, सात स्पिनरों और नौ मध्यम-तेज गेंदबाजों को जगह मिली है। धोनी, कोहली, रॉबिन उथप्पा, सुरेश रैना और आर. अश्विन पहले भी विश्व कप खेल चुके हैं जबकि उथप्पा को छोड़कर अन्य सभी खिलाड़ी विश्व विजेता टीम का हिस्सा रह चुके हैं। इसके अलावा सभी युवा और नए खिलाड़ियों को संभावित सूची में जगह मिली है। इस बारे में जब पूछा गया कि विश्व कप के लिए टीम को क्या अनुभव की कमी नहीं खलेगी, इस बारे में चयनकर्ताओं का कहना था कि हम ऐसा नहीं सोचते और हमें विश्वास है कि युवा टीम ने इंज्लैंड में 2013 की चैंपियन ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन किया है और टीम को पिछले साल बांज्लादेश में ट्वेंटी-20 विश्व कप प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंचाया है। भले ही टीम में युवा खिलाड़ी ज्यादा हैं लेकिन उन्होंने अपने कॅरिअर की शुरुआत कम उम्र से ही की है इसलिए उनके पास अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खेलने का भरपूर अनुभव है। दूसरी तरफ जहीर खान अगस्त 2012 से खेल के मैदान से बाहर हैं जबकि हरभजन सिंह का क्रिकेट से नाता जून 2011 से ही  टूटा हुआ है। इसी तरह आशीष नेहरा और मुनफ पटेल तो यादों से ही ओझल हो चुके हैं कि अब यकीन भी होता कि वे अब घरेलू क्रिकेट भी खेल रहे हैं। विश्व कप ट्वेंटी-20 के फाइनल में युवराज सिंह का जुझारू जज्बा कुंद पड़ता दिखा, शायद यही कारण रहा कि चयनकर्ताओं ने उन्हें टीम में जगह नहीं दी।
चयनकर्ताओं ने फिटनेस, फॉर्म और अनुभव के अलावा ऑस्ट्रेलियाई मैदान के मिजाज को भी ध्यान में रखते हुए खिलाड़ियों का चयन किया है। इंज्लैंड दौरे में विराट कोहली और शिखर धवन का फॉर्म बेशक कमजोर रहा लेकिन घरेलू मैदान पर वे फिर लय में लौट आए। अजिंक्य रहाणे का अच्छा प्रदर्शन लगातार बरकरार है जबकि रोहित शर्मा ने श्रीलंका के खिलाफ दोहरा शतक (264) जड़कर एक बार फिर खुद को साबित किया है कि क्यों कोहली उसे भारत का ‘एक्स-फैक्टर’ मानते हैं। सुरेश रैना भी रन औसत सुधारते हुए मैच जिताऊ खिलाड़ी का तमगा पा चुके हैं जबकि धोनी की रन मशीन चालू है। अंबाती रायडू को जब-जब मौका मिला है, वह चयनकर्ताओं के मानक पर खरे उतरे हैं। घरेलू क्रिकेट में मनोज तिवारी देवधर ट्रॉफी में 151 और और 75 रन बनाकर चयनकर्ताओं का ध्यान आकृष्ट किया है, वहीं मनीष पांडेय भी कुछ ऐसा ही प्रदर्शन करते आए हैं। रॉबिन उथप्पा ने आईपीएल-7 में 44.00 की औसत से 660 रन बनाकर 30 खिलाड़ियों की सूची में जगह सुनिश्चित की है। गेंदबाजी में भुवनेश्वर कुमार, आर. अश्विन और मोहम्मद शमी भरोसेमंद रहे हैं जबकि हालिया टेस्ट मैचों में ईशांत शर्मा ने अच्छे विकेट निकाले हैं जबकि रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल की गेंदबाजी दिन-प्रतिदिन निखरती लग रही है। पाटिल समिति ने कप्तान के ख्यालात का सम्मान करते हुए कई युवा प्रतिभाओं को मौका दिया है। हालांकि संभावित 30 खिलाड़ियों की सूची में करुण नायर, सूर्यकुमार यादव, बाबा अपराजित और उन्मुक्त चंद को जगह नहीं मिल पाई लेकिन संजू सैमसन और कुलदीप यादव पर दांव खेलकर यह जताने की कोशिश की है कि अवसर पाकर ही कोई खिलाड़ी अनुभवी हो सकता है।
ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के मैदान उछाल भरी गेंदों के लिए कुख्यात रही है जहां हाल ही में काल का ग्रास बने फिलिप ह्यूज जैसे अच्छे बल्लेबाजों की भी शामत आ जाती है। ऐसे हालात को ध्यान में रखते हुए चयनकर्ताओं ने सीधे बल्ले से खेलते हुए रन बटोरने वाले बल्लेबाजों को ही तरजीह दी है। इसी लिहाज से महाराष्ट्र के बल्लेबाज केदार जाधव को भी मौका मिला है। गेंदबाजों में वरुण एरॉन और उमेश यादव की धारदार गेंदबाजी में गति भी होती है जबकि स्पिनरों में अक्षर पटेल अच्छे कद के होने के कारण चुने गए हैं जो गेंद को अतिरिक्त उछाल देने की क्षमता रखते हैं। कुल मिलाकर अंतिम 15 खिलाड़ियों के चयन में भी समिति इन्हीं गुणों का ध्यान रखते हुए विश्व कप भारत में ही रखने की बेसब्र ख्वाहिश रखती है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: विश्‍व कप, चयन, चयनकर्ता, सहवाग, युवराज
OUTLOOK 18 December, 2014
Advertisement