5 जुलाई से बदल जाएगा वनडे क्रिकेट, बैटिंग पावरप्ले खत्म
पहले 10 ओवर में कोई कैचिंग फील्डर की ज़रूरत नहीं
अभी तक पहले 10 ओवर बैटिंग पावर-प्ले होता है यानी की 30 गज़ के सर्कल से सिर्फ़ दो ही खिलाड़ी बाहर रह सकते हैं। लेकिन दो फील्ड़रों का बल्लेबाज़ के नज़दीक रहकर कैचिंग पोज़िशन में खड़े रहना अनिवार्य होता था। लेकिन अब पहले 10 ओवर सिर्फ पावर-प्ले के रहेंगे, दो खिलाड़ियों का कैचिंग पोज़िशन में रहना जरूरी नहीं होगा। अब हर तरह की नो-बॉल पर फ्री-हिट अतिरिक्त पावरप्ले खत्म
पहले सिर्फ गेंदबाज का पैर क्रीज से आगे पड़ने पर करार दी गई नो-बॉल पर ही अगली गेंद पर फ्री हिट मिलता था। लेकिन अब अगर गेंदबाज़ किसी भी तरह की नो-बॉल फेंकेगा तो बल्लेबाज़ को फ़्री-हिट मिलेगा।
अभी तक बल्लेबाज़ी करने वाली टीम को दो पावर-प्ले मिलते थे। पहला पावर प्ल्ो 10 ओवर का होता है। उसके बाद 15 से 40 ओवर के बीच बल्लेबाजी कर रही टीम पांच ओवरों का पावर-प्ले ले सकती थी। इस दौरान सिर्फ 3 खिलाड़ी ही 30 गज के दायरे से बाहर रह सकते थे। नए नियमों के हिसाब से इस अतिरिक्त पावर-प्ले को हटा दिया गया है। आखिरी 10 ओवर में बाउन्ड्री पर 5 फील्डर
अभी तक किसी पारी के आखिरी 10 ओवर में बाउन्ड्री पर सिर्फ़ 4 खिलाड़ी ही रह सकते थे, यानी 5 खिलाड़ियों को 30 गज दायरे के अंदर रहना पड़ता था। लेकिन अब 5 खिलाड़ी बाउन्ड्री लाइन पर रह सकते हैं। इसका सीधा फायदा गेंदबाजों को मिलेगा। पिछले कुछ वर्षों में क्रिकेट को बल्लेबाजों की ओर झुका दिया था। ऐसे में यह मांग काफी समय से उठ रही थी कि खेल की बेहतरी के लिए गेंदबाजों की ओर ध्यान दिया जाना जरूरी है। आईसीसी के इस फैसले के बाद अंतिम ओवरों में गेंदबाजों को राहत मिलेगी।
आईसीसी के चीफ ऐग्जिक्युटिव डेविड रिचर्डसन ने कहा, 'वर्ल्ड कप के बाद हमने वनडे क्रिकेट के नियमों की अच्छी तरह समीक्षा की है। नियमों में कोई बड़ा बदलाव करने की जरूरत नहीं थी, लेकिन हम फॉर्मेट को दर्शकों के लिए अधिक आसान बनाना चाहते हैं। साथ ही गेंद और बल्ले के बीच एक संतुलन भी बनाने का मकसद है।'
गेंद और बल्ले के बीच संतुलन