टी-20 वर्ल्ड कप/ भारत के दबदबे में सब दबे: टूर्नामेंट में लाखों डॉलर का इनाम देंगी भारतीय कंपनियां, दूसरे देश चिंतित
विश्व क्रिकेट में एक बात कही जाती है कि भारत जो चाहता है उसे वही मिलता है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन रमीज राजा का हाल का बयान भी इस बात की तस्दीक करता है। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान ने कहा, “अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (आइसीसी) का 90 फीसदी राजस्व भारतीय बिजनेस घरानों पर आश्रित है। अगर भारत फंडिंग बंद कर दे तो पीसीबी धराशायी हो जाएगी।” इसी असहज पृष्ठभूमि के साथ 24 अक्टूबर को दुबई में आइसीसी टी-20 विश्व कप के ग्रुप-2 में चिर प्रतिद्वंद्वी भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला होने जा रहा है।विश्व क्रिकेट में भारत का प्रभाव इतना अधिक है कि पिछले साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप को महामारी के कारण 2022 में खिसका दिया। आइसीसी का कैलेंडर भी उसने इस तरह तैयार करवाया कि अगला विश्व कप 15 अक्टूबर को आइपीएल 2021 खत्म होने के बाद शुरू हो। तकनीकी रूप से भारत 2021 के टी-20 विश्व कप का मेजबान है। लंबे समय से संयुक्त अरब अमीरात पाकिस्तान के खिलाड़ियों का ‘घर’ बना हुआ है। दूसरी ओर, सभी भारतीय क्रिकेटर अलग-अलग फ्रेंचाइजी के लिए आइपीएल खेल रहे हैं और करीब चार हफ्ते से वे शरजाह, अबू धाबी और दुबई में हैं। विश्व कप तक वे वहां के वातावरण में ढल चुके होंगे।
भारत और पाकिस्तान दोनों ने एक-एक बार टी-20 विश्व कप जीता है। दक्षिण अफ्रीका में 2007 में हुए वर्ल्ड कप पर तो सिनेमा की स्क्रिप्ट लिखी जा सकती है। युवराज सिंह के बेहतरीन खेल की बदौलत भारत ने फाइनल में पाकिस्तान को हराया था। पहले वर्ल्ड कप में युवराज ही सबसे चर्चित खिलाड़ी रहे थे। इंग्लैंड के स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में उन्होंने छह छक्के जड़े थे जो आइसीसी टी-20 विश्व कप इतिहास के सबसे रोमांचक क्षणों में गिना जाता है।
धोनी पहली बार टीम इंडिया के मेंटर बनेंगे
2009 के विश्व कप का आयोजन इंग्लैंड ने किया था। वह टूर्नामेंट इनोवेशन के लिए भी जाना जाता है। उस साल श्रीलंका के तिलकरत्ने दिलशान और उनका ‘दिलस्कूप शॉट’ खूब चर्चित हुआ था। क्रिस गेल और शाहिद अफरीदी की ताकत का भी विपक्षी टीमों को अंदाजा मिला। दिलशान की टीम फाइनल में पहुंची। लॉर्ड्स में हुए कम स्कोर वाले फाइनल मैच में उन्हें पाकिस्तान के हाथों आठ विकेट से हार का सामना करना पड़ा। भारत और पाकिस्तान अभी विश्व टी-20 रैंकिंग में दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। इंग्लैंड थोड़े अंतर के साथ शीर्ष पर है। इतिहास देखें तो क्रिकेट के इस सबसे छोटे फॉर्मेट में रैंकिंग और शोहरत का बहुत अधिक मतलब नहीं होता है। 2007 में जिंबाब्वे ने ऑस्ट्रेलिया को और बांग्लादेश ने क्रिस गेल की वेस्टइंडीज टीम को हरा दिया। 2009 में नीदरलैंड ने इंग्लैंड की पार्टी खराब कर दी थी। ये सब इस टूर्नामेंट के कुछ चर्चित उलटफेर हैं।
भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबला सिर्फ आइसीसी या एशियन क्रिकेट काउंसिल के मैचों में होता है। दोनों देशों के बीच पिछली द्विपक्षीय सीरीज 2012-13 में खेली गई थी। तब पाकिस्तान की टीम तीन एकदिवसीय और दो टी-20 मैचों के लिए भारत दौरे पर आई थी। एकदिवसीय सीरीज पाकिस्तान ने 2-1 से जीता था। टी-20 सीरीज 1-1 से बराबर रहा था। दोनों देशों के बीच आखिरी टेस्ट मैच 2007 में बेंगलूरू में खेला गया था। ओवल में खेले गए आइसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2017 के फाइनल में पाकिस्तान ने भारत को पराजित किया था। भारत और पाकिस्तान के बीच जब भी मैच होता है तो वैमनस्यता का भाव हमेशा सामने आ ही जाता है। रमीज राजा ने भी अपने इस भाव को नहीं छिपाया। उन्होंने कहा, “यह एक शो स्टॉपर है। जब मैं पाकिस्तान के खिलाड़ियों से मिला तो उनसे कहा कि हर हाल में जीत मिलनी चाहिए।”
ईशान किशन आइपीएल में सितारा बनकर उभरे। उन्होंने 16 गेंदों में अर्धशतक समेत कई ताबड़तोड़ पारी खेली
यह टी-20 विश्व कप कई युवा खिलाड़ियों के लिए महत्वपूर्ण है जिन्होंने भारतीय टीम में जगह बनाई है। इसके लिए उन्हें आइपीएल को धन्यवाद देना चाहिए। इनमें प्रमुख हैं ईशान किशन, सूर्यकुमार यादव, अक्षर पटेल, वरुण चक्रवर्ती और राहुल चाहर। भारत के टी-20 कप्तान के रूप में विराट कोहली का यह आखिरी और मेंटर के रूप में एमएस धोनी का पहला टूर्नामेंट होगा। एक खिलाड़ी और क्रिकेटीय दिमाग के रूप में धोनी की छाया में रहने वाले कोहली को उनसे अच्छा और कोई मेंटर नहीं मिल सकता था। यह विश्व कप टीम इंडिया के मुख्य कोच के रूप में रवि शास्त्री की भी आखिरी पारी होगी।
पुरुषों का आइसीसी टी-20 विश्व कप भले ही सिर्फ 14 साल पुराना हो, लेकिन यह दुनिया की सबसे बड़ी खेल प्रतियोगिताओं में जगह बना चुका है। संयुक्त अरब अमीरात और ओमान में सातवीं बार यह खेला जाएगा। पांच देश अलग-अलग वर्षों में यह ट्रॉफी जीत चुके हैं। इस टूर्नामेंट के बाद 21 देश क्रिकेट खेल रहे होंगे। इससे इसकी वैश्विक लोकप्रियता का भी पता चलता है। 2016 में खेले गए टूर्नामेंट में 16 टीमों ने हिस्सा लिया था। तब अफगानिस्तान को बड़ा फायदा मिला था। एसोसिएट देशों में वह अकेला था जिसने सुपर-10 में जगह बनाई थी।
अभी तक सिर्फ वेस्टइंडीज ने यह विश्व कप दो बार जीता है- 2012 और 2016 में। 2007 में खेले गए पहले टूर्नामेंट में जिन खिलाड़ियों ने भाग लिया था उनमें से आठ 2021 में भी मौजूद रहेंगे। इस दौरान उन्होंने खेल में भी बड़े बदलाव देखे हैं। विराट कोहली, रोहित शर्मा और धोनी ऐसे खिलाड़ियों में शामिल हैं। टूर्नामेंट 14 नवंबर को खत्म होगा।
आइसीसी टी-20 वर्ल्ड कप 2021 के विजेता को 16 लाख डॉलर का चेक मिलेगा। फाइनल में हारने वाले को इसकी आधी रकम मिलेगी। टूर्नामेंट में भाग लेने वाली सभी 16 टीमों को 56 लाख डॉलर की पुरस्कार राशि से कुछ न कुछ रकम मिलेगी। सेमीफाइनल में हारने वाली दोनों टीमों को चार-चार लाख डॉलर मिलेंगे। 2016 की तरह सुपर-12 मुकाबले में हर मैच के विजेता को बोनस रकम मिलेगी। सुपर-12 चरण में 30 मैच होंगे और हर मैच के विजेता को 40 हजार डॉलर मिलेंगे। इस राशि का बड़ा हिस्सा प्रसारण अधिकार रखने वाली भारतीय कंपनी देगी। जाहिर है, भारत का दबदबा सब पर भारी है। अब आप समझ गए होंगे कि रमीज राजा क्यों चिंतित हैं।
टी-20 वर्ल्ड कप के कुछ बेहतरीन प्रदर्शन
युवराज सिंह बनाम ऑस्ट्रेलिया, 2007
पहले आइसीसी टी-20 वर्ल्ड कप ने ही इस बात का एहसास करा दिया था कि यह टूर्नामेंट कितना रोमांचक रहने वाला है। 2007 का टूर्नामेंट खासतौर से युवराज सिंह के लिए याद किया जाएगा, जिनकी लगातार अच्छी पारी की बदौलत पहला वर्ल्ड कप भारत ने अपने नाम किया था। इंग्लैंड के खिलाफ सुपर-8 मैच में उन्होंने स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में छह छक्के लगाने का रिकॉर्ड बनाया। इंग्लैंड पर 18 रनों की जीत में उनकी सबसे तेज हाफ सेंचुरी (12 गेंदों में) भी शामिल है। सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के मजबूत गेंदबाजी आक्रमण को बेरहमी से ध्वस्त करते हुए उन्होंने सिर्फ 30 गेंदों में 70 रन बनाए थे। लेकिन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 117 रन बनाकर क्रिस गेल ने साबित किया कि क्यों उन्हें ‘द यूनिवर्स बॉस’ कहा जाता है। किसी आधिकारिक टी-20 में वह पहला शतक था।
उमर गुल बनाम न्यूजीलैंड, 2009
टी-20 में हमेशा बल्लेबाजों से आतिशबाजी की उम्मीद रहती है, गेंदबाजों के प्रदर्शन की अनदेखी कर दी जाती है। लेकिन 2009 के वर्ल्ड कप में दो बेहतरीन स्पेल देखने को मिले। न्यूजीलैंड के खिलाफ सुपर-8 में पाकिस्तान के उमर गुल ने दिखाया। श्रीलंका से हार के बाद पाकिस्तान की टीम दबाव में थी। न्यूजीलैंड ने 13 ओवर में पांच विकेट खोकर 73 रन बनाए थे, उसके बाद उमर गुल ने अपना जादू दिखाया। तीन ओवर में छह रन देकर उन्होंने पांच विकेट लिए। वे टी-20 अंतरराष्ट्रीय में पांच विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज बने।
सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज के खिलाफ श्रीलंका के एंजेलो मैथ्यूज ने यादगार शुरुआती स्पेल फेंका था। उन्होंने जेवियर मार्शल, लेंडल सिमंस और ड्वेन ब्रावो के विकेट लिए और वेस्टइंडीज का स्कोर एक रन पर तीन विकेट था।
माइक हसी बनाम पाकिस्तान, 2010
इंग्लैंड पहली बार 2010 में पुरुष आइसीसी टी-20 चैंपियन बना। लेकिन एक मैच में सबसे अच्छा प्रदर्शन ऑस्ट्रेलिया के माइक हसी का था। पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल में 192 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए एक समय ऑस्ट्रेलिया का स्कोर पांच विकेट पर 105 रन था। जीत के लिए 45 गेंदों में 87 रनों की दरकार थी। हसी ने 24 गेंदों में 60 रन बना कर जीत दिलाई। इंग्लैंड के केविन पीटरसन ने छह मैचों में 248 रन बनाए थे। इनमें पाकिस्तान के खिलाफ 73, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 53 और फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 47 रन शामिल हैं।
अजंता मेंडिस बनाम जिंबाब्वे, 2012
श्रीलंका वह टूर्नामेंट जीतते-जीतते रह गया था। एक मैच में तेज गेंदबाज लसिथ मलिंगा ने घरेलू दर्शकों के बीच खेलते हुए पिछले चैंपियन इंग्लैंड के शीर्ष क्रम को ध्वस्त कर दिया। सिर्फ चार गेंदों में तीन विकेट उड़ा डाले। दूसरे स्पेल में भी उन्होंने बेहतरीन गेंदे डालीं और कुल पांच विकेट झटके। लेकिन इंग्लैंड से पहले जिंबाब्वे के खिलाफ मलिंगा के साथी खिलाड़ी अजंता मेंडिस ने उनसे भी अच्छी गेंदबाजी की और सिर्फ आठ रन देकर छह विकेट लिए। उनके चार में से दो ओवर मेडन थे।
विराट कोहली बनाम दक्षिण अफ्रीका, 2014
आखिरी ओवरों में लसिथ मलिंगा और नुवान कुलसेकरा की घातक गेंदबाजी की बदौलत श्रीलंका 2014 में टी-20 चैंपियन बना। उस टूर्नामेंट में पूरी श्रीलंकाई टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया था। लेकिन उस टूर्नामेंट में सबसे अच्छा प्रदर्शन विराट कोहली का था, जिन्होंने सबसे ज्यादा रन बनाए। हालांकि फाइनल में भारत को श्रीलंका से हार मिली थी। ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ कोहली ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सेमीफाइनल में तब अपना क्लास दिखाया जब टीम को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। डेल स्टेन और उनके साथी गेंदबाजों के आक्रमण के खिलाफ भारत को 173 रनों की चुनौती मिली थी। कोहली ने न सिर्फ चार पारियों में तीसरा अर्धशतक लगाया, बल्कि पांच गेंदें बाकी रहते मैच जिताने वाला स्ट्रोक भी खेला। वे 44 गेंदों में 72 रन बनाकर नाबाद रहे।
कार्लोस ब्रेथवेट बनाम इंग्लैंड, 2016
टी-20 वर्ल्ड कप 2016 सबसे अधिक मनोरंजक रहा। क्रिस गेल ने 48 गेंदों में टी-20 वर्ल्ड कप का सबसे तेज शतक लगाया। कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 82 रनों की नाबाद पारी खेली। सेमीफाइनल में भी वेस्टइंडीज के खिलाफ 45 गेंदों में 89 रन बनाकर नाबाद रहे। लेकिन कार्लोस ब्रेथवेट की पारी यादगार थी। फाइनल में वेस्टइंडीज को जीत के लिए आखिरी ओवर में 19 रनों की जरूरत थी। ब्रेथवेट ने बेन स्टोक्स के उस ओवर की पहली चार गेंदों पर चार छक्के जड़ दिए।